केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अंबेडकर स्टडी सेंटर खोलने की मांग

केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अंबेडकर स्टडी सेंटर खोलने की मांग

IANS News
Update: 2020-11-14 14:30 GMT
केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अंबेडकर स्टडी सेंटर खोलने की मांग
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय से जुड़े शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) ने केंद्रीय विश्वविद्यालयों के विजिटर, शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी चेयरमैन को पत्र लिखकर भीमराव अंबेडकर के नाम पर अंबेडकर चेयर स्थापित करने की मांग की है। डीटीए की मांग है कि देशभर के सभी केंद्रीय, राज्य व मानद विश्वविद्यालयों में सामाजिक क्रांति के अग्रदूत डॉ. अंबेडकर के नाम पर चेयर स्थापित की जाए। दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ने नाखुशी जाहिर करते हुए कहा, दिल्ली विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया इस्लामिया, इग्नू और राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय आदि किसी भी केंद्रीय विश्वविद्यालय में अंबेडकर चेयर नहीं है। इन विश्वविद्यालयों में अंबेडकर स्टडीज खोलने की मांग की है।

विजिटर को लिखे पत्र में डीटीए ने कहा, केंद्रीय शिक्षा मंत्री और यूजीसी के चेयरमैन से यह निवेदन किया गया है। डॉ. अंबेडकर चेयर स्थापित करने व डॉ. अंबेडकर स्टडीज सेंटर खोलने के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्री, सभी केंद्रीय, राज्य व मानद विश्वविद्यालयों के उप कुलपति, कुलसचिव को एक सर्कुलर जारी करें। इस सर्कुलर के माध्यम से डॉ. अंबेडकर चेयर व डॉ. अंबेडकर स्टडीज सेंटर खोले जा सकते हैं। डीटीए के मुताबिक, स्टडीज सेंटर व अंबेडकर चेयर के लिए यूजीसी द्वारा अतिरिक्त ग्रांट भी उपलब्ध कराने की मांग की गई है। साथ ही इनमें डॉ. अंबेडकर से संबंधित रिसर्च होनी चाहिए, जो देश की युवा पीढ़ी के लिए लाभदायक सिद्ध हो।

दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) के प्रभारी प्रोफेसर हंसराज सुमन ने शिक्षा मंत्रालय से कहा, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने सदैव वंचित, शोषितों और पिछड़े वर्गों के हकों की लड़ाई लड़ी है। आज उनके योगदान को आम लोगों तक पहुंचाने की आवश्यकता है। इसके लिए जरूरी है कि सभी केंद्रीय, राज्यों व मानद विश्वविद्यालयों में डॉ. अंबेडकर चेयर स्थापित हो और अंबेडकर स्टडीज सेंटर खोले जाए, जिसमें विशेष रूप से डॉ. अंबेडकर पर अनुसंधान कराया जाए।

उन्होंने आगे कहा कि डॉ. अंबेडकर अर्थशास्त्री, विधिवेत्ता के साथ-साथ खोजी पत्रकारिता के क्षेत्र में भी एक स्थापित पत्रकार थे, जिन्होंने अपने जीवन में 35 वर्षों तक बिना किसी वित्तीय सहायता के अखबार निकाले। विजिटर, एमएचआरडी व यूजीसी को लिखे पत्र में प्रोफेसर सुमन ने कहा, जब विदेशों में डॉ. अंबेडकर को पढ़ाया जाता है तो भारत के विश्वविद्यालयों में अंबेडकर स्टडीज सेंटर खोलकर क्यों न उनके विचारों को भारत के प्रत्येक नागरिक तक पहुंचाया जाए।

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