रंग लाई पीएम मोदी की रणनीति, पाकिस्तान के आतंकी मंसूबों पर कसेगी लगाम

आ गया मोदी का दोस्त, पाकिस्तान चारों खाने चित्त रंग लाई पीएम मोदी की रणनीति, पाकिस्तान के आतंकी मंसूबों पर कसेगी लगाम

ANAND VANI
Update: 2021-10-20 08:45 GMT
रंग लाई पीएम मोदी की रणनीति, पाकिस्तान के आतंकी मंसूबों पर कसेगी लगाम

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कश्मीर घाटी में आतंकियों द्वारा एक के बाद एक आम लोगों की हत्याएं हो रही हैं जिससे प्रवासी मजदूर इलाका छोड़कर भाग रहे हैं। मौजूदा हालात में श्रीनगर और आसपास के इलाकों में हालात काफी तनावपूर्ण बने हुए हैं। सोमवार को बड़ी संख्या में प्रवासी लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाया गया। इसी बीच सोमवार को भारत सरकार और दुबई की एक कंपनी के बीच डील हुई है। दुबई की यह कंपनी जम्मू कश्मीर में ढांचागत निर्माण का कार्य करेगी। जिसके तहत कश्मीर में इंडस्ट्रियल पार्क, इमारतें, मेडिकल कॉलेज और अस्पताल आदि बनाए जाएंगे। धारा 370 खत्म किए जाने के बाद कश्मीर में यह पहला बड़ा निवेश होगा।
कश्मीर का राग अलापने वाले पाकिस्तान के मुंह पर सोमवार को एक ऐसा तमाचा लगा जो उसके कश्मीर पर दावे को पूरी तरह से खोखला बना देता है। यह तमाचा किसी और ने नहीं बल्कि मुस्लिम जगत के एक महत्वपूर्ण देश ने जड़ा है। वह देश है संयुक्त अरब अमीरात । सोमवार को जैसे ही भारत की ओर से घोषणा हुई कि दुबई, घाटी में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के क्षेत्र में निवेश करने जा रहा है तब से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। दुबई  संयुक्त अरब अमीरात की आर्थिक राजधानी है। 

मोदी की नीति से पाक चारों खाने चित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई रणनीति से पाकिस्तान चिंतित है। पाकिस्तान अब घबराया हुआ है कि घाटी में दुबई के निवेश से पाक अपनी नाकाम आतंकी हरकतों को अंजाम नहीं दे सकेगा। मोदी के इस कदम की घाटी के लोग सराहना कर रहे है। यूएई की आबादी करीब एक करोड़ है, जिसमें जिसमें से 27 लाख पाकिस्तानी हैं और 38 लाख भारतीय। अगर जम्मू और कश्मीर में पाकिस्तान ने दुबई के निवेश में अवरोध पैदा करने की कोशिश की तो इस संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता कि पाकिस्तानी लोगों के वहां से निष्कासन की प्रक्रिया का सामना करना पड़े। केंद्र सरकार ने कहा है कि दुबई के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं जिसके अंतर्गत जम्मू कश्मीर में निवेश पर सहमति बनी है।

हालांकि सरकार ने इस बारे में डिटेल जानकारी साझा नहीं की है कि समझौते की शर्तें क्या हैं और कितना निवेश किया जाएगा। अगर यह निवेश होता है तो जम्मू कश्मीर में यह पहला विदेशी निवेश होगा। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के मुताबिक जम्मू कश्मीर विकास की जिस लहर पर सवार है, उसे दुनिया ने पहचान लिया है। घाटी में विकास की अब नई गंगा बहने लगी है। दूसरी ओर मंत्री पीयूष गोयल ने  कहा कि बड़े पैमाने पर लोग कश्मीर छोड़कर भी जा रहे हैं।  आतंकियों द्वारा इसी महीने 11 लोगों की हत्याएं कर दी गई हैं। मरने वाले 11  लोगों में से पांच लोग प्रवासी मजदूर हैं जबकि शेष स्थानीय लोग थे। इसके बाद लोगों में डर का माहौल है।  सोमवार को प्रशासन ने हजारों लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जबकि सैकड़ों लोग रातोंरात कश्मीर छोड़कर चले गए।

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