गौतमबुद्धनगर : जिला अस्पताल के कूड़ेदान में मिले इस्तेमाल में लाए गए पीपीई किट

गौतमबुद्धनगर : जिला अस्पताल के कूड़ेदान में मिले इस्तेमाल में लाए गए पीपीई किट

IANS News
Update: 2020-05-28 08:30 GMT
गौतमबुद्धनगर : जिला अस्पताल के कूड़ेदान में मिले इस्तेमाल में लाए गए पीपीई किट

गौतमबुद्धनगर, 28 मई (आईएएनएस)। उत्तरप्रदेश के गौतमबुद्धनगर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 366 हो गई है और लगातार स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन मिलकर कोरोना से निपटने के लिये सभी सुनिश्चित कदम उठा रहे हैं। लेकिन इस बीच जिला अस्पताल में इस्तेमाल में ला गए पीपीई किट के डिस्पोजल को लेकर भारी लापरवाही सामने आ रही है, जो यहां इलाज कराने आ रहे दूसरे लोगों के लिए मुसीबत बन सकती हैं।

जिला अस्पताल में कोरोना से बचाव के लिये डॉक्टरों को पीपीटी किट की सुविधा दी गई है, ताकि डॉक्टर संक्रमण से सुरक्षित रहें। लेकिन अस्पताल में पीपीटी किट को इस्तेमाल करने के बाद इन्हें आम कचरों के डिब्बे में ही फेंकने की घटना सामने आ रही है।

जिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. वंदना शर्मा ने आईएएनएस को बताया, जिसने भी ये फेंकी है, मैं इसकी जांच जरूर करुं गी, लेकिन हमने पीपीई किट को फेकने की सबको ट्रेनिंग दी हुई है। हो सकता है इमरजेंसी में किसी ने फेंक दी हो।

इस मामले पर जिला अधिकारी सुहास. एल. वाई. ने आईएएनएस को बताया, अगर ऐसा कुछ है तो हम जरुर पता करेंगे और कार्रवाई करेंगे।

कोविड गाइडलाइंस के तहत बायोमेडिकल वेस्ट नियमों के अनुसार कूड़े का निस्तारण किया जाना होता है। इसके लिए अस्पताल में लाल, काले, पीले और सफेद रंग के डस्टबिन रखे गए हैं। पीपीई किट को इस्तेमाल करने के बाद हाइपोक्लोराइट के घोल में डुबाया जाता है और बाद में इसे बैग में पैक किया जाना होता है। क्वारेंटीन केंद्रों से जो कचरा निकलता है, उसे पीले बैग में इकट्ठा करके बॉयोमेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट में भेजना होता है।

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