जनधन बैंक खातों, आधार कार्ड और मोबाइल ने भ्रष्‍टाचार को कम किया है- PM मोदी

जनधन बैंक खातों, आधार कार्ड और मोबाइल ने भ्रष्‍टाचार को कम किया है- PM मोदी

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-23 03:49 GMT
जनधन बैंक खातों, आधार कार्ड और मोबाइल ने भ्रष्‍टाचार को कम किया है- PM मोदी

 

 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय "साइबर स्पेस पर वैश्विक सम्मेलन" का उद्घाटन किया। पीएम ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए करते हुए सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि जनधन बैंक खातों, आधार कार्ड और मोबाइल फोन के कारण भ्रष्‍टाचार में बहुत कमी आई है। सिर्फ इतना ही नहीं, पारदर्शिता लाने में भी काफी मदद मिली है। 

 

 

प्रधानमंत्री ने जन धन खाता, आधार और मोबाइल फोन जैसे तीनों फैक्टर का उल्लेख करते हुए कहा कि टेक्नोलॉजी ऐसी चीज है जिस के कारण पूरा देश एक साथ आ सकता है। टेक्नोलॉजी हर परेशानी को सुलझाने में सक्षम है। उन्होंने आगे कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने साइबर स्पेस में सभी की हिस्सेदारी सुगम की है। स्टूडियो में बैठे विशेषज्ञों के सारे विचार और उनके  अनुभव अब सोशल मीडिया पर देखे जा सकते हैं। विशेषज्ञता और अनुभव का यह मिलाप बदलाव के इस दौर में आज के वैश्विक समुदाय के लिये जरूरी है ताकि साइबर सुरक्षा के विषय से विश्वास और संकल्प के साथ निपटा जा सके। 

पीएम ने आगे बताया, 2014 में युवाओं के लिए कई आइडिया थे, वे देश के लिए काम करना चाहते थे। सरकार ने सिटिजन एंगेजमेंट पोर्टल MyGoV लॉन्च किया। सरकार ने प्रगति लॉन्च किया। इसके चौंकाने वाले परिणाम आए। डिजिटल टेक्‍नोलॉजी पर जोर देते हुए पीएम ने कहा भारत के लोग अब कैशलेस इकोनॉमी को अपना रहे हैं। हम मोबाइल पावर (m-Power) के जरिए लोगों को आगे बढ़ा रहे हैं।

 

 

उन्होंने कहा, पूरी दुनिया ने भारत के आइटी टैलेंट का लोहा मान लिया है। व्‍यापक तौर पर भारतीय आईटी कंपनियों ने अपनी जगह बनायी है। डाटा स्‍टोरेज व कम्‍युनिकेशन के महत्‍वपूर्ण पहिए के तौर पर मोबाइल फोन व सोशल मीडिया को लिया गया है। बुजुर्ग पीढ़ी कंप्‍यूटर सिस्‍टम के मोटे से फ्रेम को याद कर सकेंगे। तब से काफी बदलाव आया है। इमेल और पर्सनल कंप्‍यूटर के जरिए 90 के दशक में नई क्रांति आई है। पीएम ने आगे कहा कि देश को भी इस बात की जिम्‍मेवारी लेनी होगी कि डिजिटल स्‍पेस आतंक और कट्टरपंथ के लिए प्रयोग ना हो पाए। प्‍लेग्राउंड न बन जा रहा है। 

 

आप लोगों की जानकारी के लिए बता दें कि भारत में पहली बार आयोजित होने वाला ग्लोबल साइबर स्पेस सम्मेलन अब तक का सबसे बड़ा सम्मेलन है। इस वैश्विक सम्मेलन में दुनिया के 124 देशों के करीब दस हजार प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। सिर्फ इतनी ही नहीं, इस सम्मेलन में आईटी और साइबर एक्सपर्ट और नीति निर्माताओं के अलावा 30 से ज्यादा देशों के मंत्री भी शामिल होंगे। गौरतलब है कि इस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत साल 2011 में हुई थी, 2015 में चौथी कॉन्फ्रेंस नीदरलैंड के हेग में हुई थी।

 

 

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