बिहार में चीनी मिल में बॉयलर फटने से 5 की मौत, कई जख्मी

बिहार में चीनी मिल में बॉयलर फटने से 5 की मौत, कई जख्मी

Bhaskar Hindi
Update: 2017-12-21 03:02 GMT
बिहार में चीनी मिल में बॉयलर फटने से 5 की मौत, कई जख्मी

डिजिटल डेस्क, गोपालगंज। बिहार के गोपालगंज में सासमुसा चीनी मिल में एक बड़ा हादसा हो गया है। यहां बॉयलर फटने से पांच मजदूरों की मौत हो गई। इस घटना में करीब नौ मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। बताया जा रहा है कि मिल में अभी भी कई मजदूर अंदर फंसे हुए हैं। इस धमाके से कई मशीनें भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं। घटना बीती रात करीब सवा ग्यारह बजे की है। जब मिल में गन्ने की पेराई का काम चल रहा था, तभी बायलर टैंक में जाने वाला बायलर पाइप फट गया। इससे जबरदस्त धमाका हुआ और आस-पास खड़े चार मजदूरों की मौत हो गई। 

 

 

बॉइलर में ओवर हीटिंग के कारण ब्लास्ट


घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने बाकी मजदूरों को बाहर निकालने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। अभी भी कई मजदूरों के अंदर फंसे होने की बात कही जा रही है। इस हादसे के वक्त मिल में मौजूद कर्मचारियों का कहना है कि बॉइलर में ओवर हीटिंग के कारण ब्लास्ट हुआ। उन्होंने बताया कि बॉइलर का निरिक्षण लंबे समय से नहीं किया गया था। बिना जांच पड़ताल, देख-रेख के लगातार इसे चलाया जा रहा था।

 

 

9 मजदूर बुरी तरह झुलसे

 

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बॉइलर के पास काम कर रहे मजदूर ब्लास्ट के बाद बुरी तरह झुलस गए। वहीं कई लोग अभी भी मलबे के नीचे दबे हुए हैं। गोपालगंज सरकारी अस्पताल के अधीक्षक शशिकांत मिश्रा के मुताबिक, 90 प्रतिशत से ज्यादा जले हुए 9 लोगों को अस्पताल में भर्ती किया गया है, जिनकी हालत गंभीर है। वहीं कुछ को पीएमसीएच के लिए रेफर किया जा रहा है। आशंका जताई का रही है कि इस हादसे में 10 लोगों की मौत हुई है।

 

पहले भी हो चुका है एक ब्लास्ट

 

जानकारी के अनुसार, मृतकों में कुचायकोट के खजुरी निवासी अर्जुन कुमार कुशवाहा, कुचायकोट के बाणी खजुरी निवासी कृपा यादव और यूपी के पढरौना निवासी 60 वर्षीय मो शमसुद्दीन शामिल है। बता दें कि मोहम्मद शमसुद्दीन इस मिल में 40 साल से टरबाइन चलाने का काम करते थे। घायल कन्हैया की मौत हो गई है। मृतक अर्जुन कुमार कुशवाहा के भाई अरुण कुमार ने अनुसार, पिछले हफ्ते भी इसी जगह पर बॉयलर पाइप फट गया था। जिसे स्थानीय लोगों की मदद से रिपेयर करवा दिया गया था। 

 

बताया जा रहा है कि मिलकर्मियों ने कई बार पुरानी मशीनों को बदलने और कार्यस्थल पर एक इंजीनियर को तैनात करने की मांग की थी। इसके बावजूद मिल प्रबंधन के द्वारा कोई कारवाई नहीं की गई। जिसकी वजह से यह बड़ा हादसा हुआ है।

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