मोदी सरकार का फैसला, CBEC के 15 अधिकारियों को किया जबरन रिटायर

मोदी सरकार का फैसला, CBEC के 15 अधिकारियों को किया जबरन रिटायर

Bhaskar Hindi
Update: 2019-06-18 12:32 GMT
हाईलाइट
  • 11 जून को सरकार ने 12 वरिष्ठ आयकर अधिकारियों को भी बर्खास्त किया था
  • इन सभी अधिकारियों पर भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी का आरोप था
  • कस्टम और सेंट्रल एक्साइज के 15 अधिकारियों को सरकार जबरन रिटायर कर दिया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कस्टम और सेंट्रल एक्साइज के 15 वरिष्ठ अधिकारियों को सरकार ने मंगलवार को जबरन रिटायर कर दिया। इन सभी अधिकारियों पर भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी का आरोप था। नरेंद्र मोदी सरकार ने इससे पहले भी इसी महीने की शुरुआत में भ्रष्टाचार पर वार करते हुए आयकर विभाग के 12 वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया था।

नियम-56जे के तहत कार्रवाई
वित्त मंत्रालय के आदेश के अनुसार सरकार ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ इन्डायरेक्ट टैक्सेज़ एंड कस्टम्स (CBEC) के इन अधिकारियों पर नियम-56जे के तहत कार्रवाई की है। इनमें प्रधान कमिश्नर, कमिश्नर, अतिरिक्त कमिश्नर और डिप्टी कमिश्नर रैंक के अधिकारी शामिल हैं। इनमें से कई अधिकारी पहले से ही सस्पेंड चल रहे थे। वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि इनमें से कुछ अधिकारियों के खिलाफ CBI ने भ्रष्टाचार के मामले दर्ज किए थे। जूकि कुछ पर रिश्वत, जबरन वसूली और अनुपातहीन संपत्ति के मामलें दर्ज थे। 

इन अधिकारियों पर की गई कार्रवाई:
1- अनूप श्रीवास्तव, प्रमुख आयुक्त (दिल्ली)

2- अतुल दीक्षित, आयुक्त, सस्पेंडेड

3- संसार चंद, आयुक्त, कोलकाता

4- जी. श्री हर्षा, आयुक्त, चेन्नई

5- विनय ब्रिज सिंह, आयुक्त, सस्पेंडेड

6- अशोक आर. महिदा, अतिरिक्त आयुक्त, कोलकाता

7- वीरेंद्र कुमार अग्रवाल, अतिरिक्त आयुक्त, नागपुर जोन

8- अमरेश जैन उपायुक्त, दिल्ली जीएसटी जोन

9- नलिन कुमार, सह आयुक्त, सस्पेंडेड

10- एस.एस. पबना, सहायक आयुक्त, सस्पेंडेड

11- एस.एस. बिष्ट, सहायक आयुक्त, भुवनेश्वर, जीएसटी जोन

12- विनोद कुमार सांगा, सहायक आयुक्त, मुंबई, जीएसटी, जोन

13- राज सेकर, अतिरिक्त आयुक्त, विजाग, जीएसटी जोन

14- अशोक कुमार,  उपायुक्त, दिल्ली

15- मो. अलताफ, सहायक आयुक्त, इलाहाबाद

आयकर के 12 अफसरों को भी किया था जबरन रिटायर
पिछले हफ्ते 11 जून को सरकार ने भ्रष्टाचार और जबरन वसूली के आरोपों के बाद 12 वरिष्ठ भारतीय राजस्व सेवा (आयकर) अधिकारियों को भी बर्खास्त किया था। इन 12 अधिकारियों में अशोक अग्रवाल (आईआरएस 1985), एसके श्रीवास्तव (आईआरएस 1989), होमी राजवंश (आईआरएस 1985), बीबी राजेंद्र प्रसाद, अजय कुमार सिंह, बी अरुलप्पा, आलोक कुमार मित्रा, चांदर सेन भारती, अंडासु रवींद्र, विवेक बत्रा, स्वेताभ सुमन और राम कुमार भार्गव शामिल हैं।

वित्त मंत्रालय का रूल 56
बता दें कि वित्त मंत्रालय के रूल 56 का इस्तेमाल ऐसे अधिकारियों पर किया जा सकता है जो 50 से 55 साल की उम्र के हों और 30 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। सरकार के जरिए ऐसे अधिकारियों को अनिर्वाय रिटायरमेंट दिया जा सकता है। ऐसा करने के पीछे सरकार का मकसद नॉन-फॉर्मिंग सरकारी सेवक को रिटायर करना होता है।

Tags:    

Similar News