कोई तुमसा नहीं, Happy Birthday 'मास्टर ब्लास्टर'

कोई तुमसा नहीं, Happy Birthday 'मास्टर ब्लास्टर'

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-24 04:50 GMT
कोई तुमसा नहीं, Happy Birthday 'मास्टर ब्लास्टर'

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली । आज 24 अप्रैल है और आज से ठीक 45 साल पहले धरती पर एक "भगवान" का जन्म हुआ था। जी हां वही "भगवान" जिसे दुनिया मास्टर ब्लास्टर सचिन रमेश तेंदुलकर के नाम से जानती है। क्रिकेट के इस भगवान ने मैदान पर एक के बाद एक कई कीर्तिमान अपने नाम किए और विरोधियों को भी अपना मुरीद बनाया। भारत रत्न सचिन तेंदुलकर किसी परिचय के मोहताज नहीं है और देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया उन्हें जानती है। सचिन का जन्म 24 अप्रैल 1973 को मुंबई में हुआ था। सचिन ने वक्त के साथ साथ ऐसे कीर्तिमान हासिल किए जिनका बखान शब्दों में किया जाना आसान नहीं है। 

 

 

 

 

 

 

 

24 अप्रैल 1973 को जन्म 

 

सचिन तेंदुलकर का जन्म 24 अप्रैल 1973 को मुंबई में रहने वाले एक साधारण परिवार में हुआ था। सचिन के पिता रमेश तेदुलकर संगीतकार सचिन देव बर्मन के बड़े फैन थे और उन्होंने उन्हीं के नाम पर बेटे का नाम सचिन रखा था। सचिन के दो भाई अजीत तेंदुलकर और नितिन तेंदुलकर हैं जबकि उनकी बहन का नाम सविताई तेंदुलकर है। बड़े बाई अजीत तेंदुलकर ने बचपन में ही सचिन को क्रिकेट खेलने के लिए प्रोत्साहित किया था और उन्हीं के प्रयासों से सचिन के क्रिकेट जीवन की शुरुआत हुई। 

 

 

कोच की डांट ने सिखाया जिंदगी का पाठ 

 

मैदान पर विरोधी गेंदबाजों के छक्के छुड़ाने वाले सचिन तेंदुलकर की जिंदगी में काफी उतार चढ़ाव आए। सचिन की जिंदगी में उनके कोच रहे रमाकांत आचरेकर का अहम योगदान रहा है खुद सचिन भी इस बात का जिक्र कर चुके हैं। साल 2017 में एक ट्वीट कर सचिन ने बताया था कि कोच आचरेकर की एक सीख ने उनकी जिंदगी बदल ली। अपने ट्वीट में सचिन ने लिखा कि ये ये उनके स्कूल के दिनों के दौरान बात थी। वो स्कूल की जूनियर टीम से खेला करते थे लेकिन एक दिन वो अपने स्कूल की टीम का मैच छोड़कर सीनियर टीम जो कि हैरिस शील्ड टूर्नामेंट का फाइनल खेल रही थी देखने पहुंच गए। मैच के उनने आचरेकर सर को देखा और उनसे नमस्ते किया तो उन्होंने पूछा कि आज तुमने कितने रन बनाए तो मैंने कहा कि मैं मैच खेलने नहीं गया और सीनियर टीम को चीयर करने लिए आ गया। ये सुनकर आचरेकर सर नाराज हो गए और सभी के सामने मुझे डांट लगाते हुए कहा कि दूसरों के लिए ताली बजाने से अच्छा है कि कुछ ऐसा करो जिससे कि दूसरे लोग तुम्हारे लिए ताली बजाएं। सचिन ने बताया कि कोच की इस सीख ने उनकी जिंदगी बदल ली और उन्हें आज भी उस डांट के एक एक शब्द याद है। 

 

 

शतकों के शहंशाह

 

सचिन तेंदुलकर ने करीब 24 साल लंबे अपने इंटरनेशनल क्रिकेट करियर में क्रिकेट की जो उपलब्धियां हासिल की हैं वो हर खिलाड़ी का सपना है। साल 1989 में पाकिस्तान के खिलाफ इंटरनेशनल क्रिकेट की शुरुआत करने वाले सचिन ने साल दर साल अपनी उपलब्धियों में इजाफा किया और क्रिकेट जगत का वो सितारा बन गए जो संन्यास लेने के बाद भी वर्ल्ड क्रिकेट में जगमगा रहा है। सचिन के नाम क्रिकेट में सबसे ज्यादा शतक और सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड है। सचिन ने टेस्ट क्रिकेट में 200 मैच में 51 शतकों की मदद से 15 हजार 9 सौ 21 रन बनाए हैं जो टेस्ट में एक बल्लेबाज के सबसे ज्यादा रन और शतक हैं तो वहीं वन-डे में भी सचिन का वर्ल्ड क्रिकेट में कोई सानी नहीं है। सचिन ने 463 वन-डे मैचों में 18 हजार 426 रन बनाए हैं जिनमें 49 शतक शामिल हैं। वन-डे में भी सचिन सबसे ज्यादा रन और शतक लगाने वाले बल्लेबाज हैं। इतना ही नहीं सचिन दुनिया के पहले बल्लेबाज हैं जिन्होंने वन-डे क्रिकेट में सबसे पहले दोहरा शतक लगाया था। 

 

 

 

जितने बड़े रिकॉर्ड उतने ही शानदार इंसान 

 

मैदान पर हासिल की गईं उपलब्धियां सचिन की महानता को बताने के लिए काफी हैं लेकिन सचिन मैदान के बाहर काफी अच्छे इंसान हैं और हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहते हैं। सचिन भले ही क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं लेकिन आज भी कई खिलाड़ी उनसे टिप्स लेते हैं। आपको बता दें कि कई खिलाड़ियों ने तो सचिन से प्रभावित होकर ही क्रिकेट खेलना शुरु किया था और उनका सपना सचिन जैसा ही बनने का है इन खिलाड़ियों में विराट कोहली, वीरेन्द्र सहवाग और एमएस धोनी जैसे खिलाड़ी भी शामिल हैं जिन्होंने भारत के लिए कई रिकॉर्ड बनाए हैं। सचिन ने हमेशा से साथी और दूसरे खिलाड़ियों की हौसला अफजाई की है। साल 2014 में इंग्लैंड दौरे पर बुरी तरह फ्लॉप होने के बाद विराट कोहली ने सचिन से टिप्स लिए थे, सचिन ने उन्हें अपनी मौजूदगी में अभ्यास कराया जिसका परिणाम ये हुआ कि विराट आज रनों का अंबार लगा रहे हैं और दुनियाभर में विराट की बल्लेबाजी का डंका बज रहा है। 

 

 

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