इंडिया-चाइना के बीच डिप्लोमेटिक टॉक फिर शुरू, फ्रिक्शन पॉइंट पर सैनिकों के कम्प्लीट डिसएंगेजमेंट पर सहमति जताई

इंडिया-चाइना के बीच डिप्लोमेटिक टॉक फिर शुरू, फ्रिक्शन पॉइंट पर सैनिकों के कम्प्लीट डिसएंगेजमेंट पर सहमति जताई

Bhaskar Hindi
Update: 2020-12-18 13:37 GMT
इंडिया-चाइना के बीच डिप्लोमेटिक टॉक फिर शुरू, फ्रिक्शन पॉइंट पर सैनिकों के कम्प्लीट डिसएंगेजमेंट पर सहमति जताई
हाईलाइट
  • फ्रिक्शन पॉइंट पर सैनिकों के कम्प्लीट डिसएंगेजमेंट पर दोनों देशों ने सहमति जताई
  • भारत और चीन के बीच लद्दाख में LAC पर लंबे समय से तनाव

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और चीन ने शुक्रवार को पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जल्द से जल्द सभी फ्रिक्शन पॉइंट पर सैनिकों के कम्प्लीट डिसएंगेजमेंट की दिशा में काम जारी रखने पर सहमति जताई। लगभग 11 सप्ताह के बाद, भारत और चीन ने 18 दिसंबर यानी आज एकबार फिर अपना कूटनीतिक संवाद शुरू किया है। दोनों देशों के राजनयिकों ने सीमा मामलों (डब्ल्यूएमसीसी) पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य प्रणाली के तहत वर्चुअल बैठक बुलाई थी जिसमें यह सहमति बनी है।

मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स (MEA) ने बताया कि दोनों पक्षों के राजनयिकों के बीच वर्चुअल मीटिंग के दौरान दोनों पक्षों ने मॉस्को में भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच बने पांच सूत्रीय एजेंडे पर चर्चा की। वर्चुअल टॉक में, दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि मिलिट्री डायलॉग का अगला राउंड जल्द से जल्द आयोजित किया जाना चाहिए ताकि वे मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुसार सैनिकों के शीघ्र और कम्पलीट डिसएंगेजमेंट की दिशा में काम कर सकें।

बता दें कि आखिरी बार डब्ल्यूएमसीसी की बैठक 30 सितंबर को हुई थी। भारत-चीन के बीच हुई इस बैठक में दोनों देशों की सेनाओं के बीच सैन्य टुकड़ी के विघटन को लेकर कोई सहमति नहीं बन सकी थी। भारत और चीन के बीच करीब आठ महीने से गतिरोध बना हुआ है। इस साल पहली बार 5 मई को भारत और चीनी सेना के बीच झड़प हुई थी। उसके बाद से लगातार लद्दाख में भारी तनाव की स्थिति बरकरार है और दोनों तरफ करीब 60-60 हजार जवान तैनात हैं।

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