दिल्ली : प्राइवेट नहीं अब सरकारी स्कूल में पढ़ेंगे विधायक के बच्चे

दिल्ली : प्राइवेट नहीं अब सरकारी स्कूल में पढ़ेंगे विधायक के बच्चे

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-26 08:39 GMT
दिल्ली : प्राइवेट नहीं अब सरकारी स्कूल में पढ़ेंगे विधायक के बच्चे
हाईलाइट
  • आप विधायक के बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ेंगे।
  • आप विधायक ने पेश किया उदाहरण।
  • दिल्ली के सरकारी स्कूलों मे हुआ हेै सुधार।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सरकारी स्कूलों की नकारात्मक छवि के चलते अधिकतर लोग अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में ही पढ़ाना पसंद करते हैं। जिसके चलते सरकारी स्कूलों में वही बच्चे आते हैं, जो प्राइवेट स्कूलों का खर्च वहन नही कर पाते हैं, पर दिल्ली में आप विधायक अमानतुल्लाह खान ने अपने दो बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ाने का फैसला कर मिसाल कायम की है। विधायक अमानतुल्लाह खान का मानना है कि उनके ऐसा करने से लोगों के मन में सरकारी विधालयों को लेकर पूर्वाग्रह दूर होगा। खान ओखला विधानसभा क्षेत्र के जोगा बाई इलाके में स्थित सरकारी स्कूल में अपने दो बच्चों का एडमिशन करा रहे हैं।

बेटा-बेटी दोनों सरकारी स्कूल में पढ़ेंगे
अमानतुल्लाह ने बताया कि वो जोगा बाई सरकारी स्कूल में अपने बेटे अनस खान का नौवीं में और बेटी ताहोरा का छठी कक्षा में एडमिशन करवाएंगे उनके बच्चे अभी दिल्ली के एक पब्लिक स्कूल में पढ़ रहे थे। दिल्ली सरकार ने पिछले समय में सरकारी स्कूलों में व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए कई प्रयास किए हैं। वहीं आप विधायक ने अपने बेटे और बेटी को साथ में सरकारी स्कूल में दखिला करा समाज के सामने उदाहरण पेश किया है की सरकारी स्कूलों से भी अच्छी शिक्षा प्राप्त की जा सकती है। विधायक का यह फैसला लोगों के मन में बनी सरकारी स्कूलों की छवी को बदलने में भी मदद करेगा।

 

 

सरकारी स्कूलों की  गुणवत्ता में सुधार हुआ है
विधायक खान का कहना है कि सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता में भी लगातार सुधार हो रहा है। आधारभूत संरचना से लेकर शिक्षा के स्तर तक दिल्ली के सरकारी स्कूलों ने तरक्की की है। इस साल सीबीएसई के कक्षा 12 वी के नतीजे इस बात का प्रमाण हैं, जिसमें सरकारी स्कूल के विधार्थियों ने प्राइवेट स्कूल के छात्र-छात्राओं से बेहतर प्रदर्शन किया था।
 

 

हर साल होता है फीस को लेकर विवाद
प्राइवेट स्कूल हर साल सलाना फीस बढ़ा देते हैं इसके अलावा अन्य गतिविधियों के नाम पर भी ढेरों पैसे अभिभावकों से वसूलते हैं। जिसके चलते हर साल सरकार,स्कूल प्रसाशन और अभिभावकों के बीच बहस छिड़ी रहती है। ऐसे में सरकारी स्कूलों की शिक्षा के साथ अन्य सुविधाओं में सुधार होता है तो ये आम लोगों के लिए बहुत बड़ी राहत होगी।


   
 

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