अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर इंसानियत के लिए करें योग, यूएन ने दी योग दिवस की ये अनूठी थीम, जानिए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए 21 जून ही क्यों चुना गया

International Yoga Day 2022 अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर इंसानियत के लिए करें योग, यूएन ने दी योग दिवस की ये अनूठी थीम, जानिए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए 21 जून ही क्यों चुना गया

Manuj Bhardwaj
Update: 2022-06-20 13:21 GMT
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर इंसानियत के लिए करें योग, यूएन ने दी योग दिवस की ये अनूठी थीम, जानिए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए 21 जून ही क्यों चुना गया
हाईलाइट
  • 21 जून 2015 को पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया था

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में शारीरिक के साथ-साथ मानसिक संतुलन बनाए रखना भी एक बड़ी चुनौती है और कोविड के बाद से तो यह और भी मुश्किल हो गया है। लेकिन अभी भी हेल्दी जीवन जीने के लिए योग एक बेहतर विकल्प है और योग की ताकत सिर्फ देशवासी ही नहीं अब तो पूरी दुनिया मानने लगी है, तभी तो हर साल 21 जून को "अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day)" दुनिया के हर एक कोने में मनाया जाता है। इस साल भी इसके आयोजन को लेकर तैयारी जोरों पर हैं। 

तो आइये जानते है इस दिन को मनाने के महत्व और कुछ रोचक कहानियों के बारे में -

कब हुई शुरुआत?

21 जून 2015 को पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया था। दरअसल, 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 69वें सत्र में भाषण देते हुए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था, जिसे मात्र 3 महीने के अंदर ही 11 दिसंबर 2014 को बहुमत के साथ स्वीकार कर लिया गया था। जिसके बाद 2015 से "अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस" शुरुआत हुई और हर साल यह स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाने लगा। 

21 जून को मनाने के पीछे का कारण 

बहुत बार मन में यह सवाल उठता है कि "अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस" को मनाने के लिए 21 जून को ही क्यों चुना गया। दरअसल, इसके पीछे दो कारण हैं, एक साइंटिफिक (scientific) और दूसरा धार्मिक (religious)। 

साइंटिफिक कारण - पहला कारण यह है कि साल के इस दिन सूर्य की किरणें सबसे ज्यादा देर तक धरती पर रहती हैं, जो प्रतीकात्मक रूप से मानव स्वास्थ्य और जीवन से जुड़ा हुआ है।

दूसरा कारण - यह भी माना जाता है कि 21 जून को ग्रीष्म संक्राति को सूर्य दक्षिणायन हो जाता है और इसके बाद आने वाली पूर्णिमा को भगवान ने शिव ने अपने सात शिष्यों को पहली बार योग की दीक्षा दी थी। 

योग दिवस का महत्व 

योग के मामले में भारत ही पूरे विश्व का गुरु माना जाता है, जिसका श्रेय योगगुरु पतांजलि को जाता है। योग शारीरिक के साथ-साथ मानसिक संतुलन को बनाए रखने में काफी मदद करता है। योग की मदद से एक स्वस्थ जीवन के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए इस दिवस को मनाया जाता है। आजकल की बहुत ही भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अपने शरीर के साथ-साथ मानसिक स्थिति पर भी ध्यान नहीं दे पाते है तो ऐसे योगासन, जैसे - प्राणायाम, कपालभाति, शीर्षासन,आदि की प्रैक्टिस कर एक स्वस्थ्य जीवन जी सकते हैं। 

इस साल की थीम 

संयुक्त राष्ट्र ने इस साल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 की थीम "मानवता के लिए योग (Yoga for Humanity)" रखी है। योग दिवस की थीम "योगा फॉर ह्यूमैनिटी" भी कोविड-19 के प्रभाव को देखते हुए चुनी गई है क्योंकि महामारी ने ना सिर्फ हमारे शरीर को बल्कि मनोदशा को भी काफी नुकसान पहुंचाया है और चिंता (anxiety), अवसाद (depression) जैसी मनोवैज्ञानिक और मानसिक बीमारियों को बढ़ावा दिया है और आने वाले समय में मानवता के सामने इनसे लड़ना एक बड़ी चुनौती होगी। 

दरअसल, योग का मूल सार सिर्फ शरीर को स्वस्थ रखना या फिर दिमाग व शरीर के बीच संतुलन बनाना नहीं है, बल्कि दुनिया में मानवता को सहेज कर रखना इसका मूल लक्ष्य है। 
 

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