कोयंबटूर में मना लिट्टे चीफ प्रभाकरन का 63वां जन्मदिन,मचा हंगामा

कोयंबटूर में मना लिट्टे चीफ प्रभाकरन का 63वां जन्मदिन,मचा हंगामा

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-26 10:22 GMT
कोयंबटूर में मना लिट्टे चीफ प्रभाकरन का 63वां जन्मदिन,मचा हंगामा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तमिलनाडु के कोयंबटूर में "लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम" (LTTE) के दिवंगत नेता वेलुपिल्‍लई प्रभाकरन की शनिवार को 63वीं जयंती मनाई गई। उनके जन्मदिन मनाने की खबर ने तमिल राजनीति में भूचाल ला दिया है। दरअसल तमिलनाडु के कोयंबटूर में थंथई पेरियार द्रविड़र कझगम (टीपीडीके) पार्टी की ओर से रविवार को न केवल प्रभाकरन की जयंती मनाई गई, बल्‍कि उनके नाम से केट काटकर समारोह का आयोजन भी किया गया। आपको बता दें कि पिछले साल श्रीलंका के तमिल बहुल जाफना शहर के एक विश्वविद्यालय में प्रभाकरन की जयंती मनाई गई थी। जाफना विश्वविद्यालय के सैकड़ों छात्र, अकादमिक और गैर अकादमिक स्टाफ ने विश्वविद्यालय के हॉल में केक काटकर उसकी जयंती मनाई थी। जिसके बाद काफी हंगामा हुआ था।

गौरतलब है कि तमिलनाडु में टीपीडीके की ओर से प्रभाकरन की जयंती मनाने पर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।

श्रीलंका को तमिल राज्‍य बनाना चाहता था प्रभाकरन

प्रभाकरन श्रीलंका के उत्‍तरी और पूर्वी हिस्‍से में अपना अधिकार जमाकर एक अलग तमिल राज्‍य बनाना चाहता था। प्रभाकरन ने अपनी इस इच्‍छा को पूरी करने के लिए तीन दशक तक गृहयुद्ध चलाया। यह गृहयुद्ध मई 2009 में प्रभाकरन की मौत के बाद खत्म हुआ। इस दौरान सेना ने प्रभाकरन और उसके बेटे को मौत के घाट उतार दिया।

चावल नहीं खाता था प्रभाकरन

लिट्टे के प्रमुख वेलुपिल्लई प्रभाकरन के बारे जानकर आप हैरान रह जाएंगे कि वो चावल नहीं खाता था।

1986 में श्रीलंका में तमिलों और सरकार के बीच शांति स्थापित करने के लिए भारत श्रीलंका के बीच बात चल रही थी। राजीव गांधी सरकार ने शांति को स्थायित्व में लाने के मकसद से प्रभाकरन को भी बातचीत में शामिल करने की पहल की। इसके लिए प्रभाकरन को सुरक्षित भारत लाने के लिए भारत ने श्रीलंका की अनुमति से भारतीय वायुसेना के दो हेलिकॉप्टर जाफना भेजे थे। उसमें भारतीय विदेश सेवा के वरिष्ठ अधिकारी हरदीप पुरी भी गए थे। 

विमान में प्रभाकरन को लेकर भारतीय अधिकरी चेन्नई पहुंचे। चेन्नई हवाई अड्डे पर प्रभाकरन के उतरने के बाद वहां के वीआईपी लाउंज में भारतीय राजनायिक हरदीप पुरी ने यह सोचकर चिकन करी और चावल का ऑर्डर किया कि ये चीजें प्रभाकरन को बहुत पसंद आएंगी,लेकिन वेलुपिल्लई प्रभाकरन ने इससे इनकार करते हुए जो जवाब दिया उसको सुनकर वहां मौजूद लोग दंग रह गए। प्रभाकरन ने कहा कि वह चपाती खाएंगे, चावल नहीं क्योंकि चावल खाने से पिस्तौल का ट्रिगर दबाने वाली उंगली पर असर पड़ता है।

गौरतलब है कि प्रभाकरन की कमर पर एक बेल्ट लगी होती थी जिसमें एक होलस्टर्ड पिस्तौल लटकी होती थी। साथ ही उनके सीने पर धातु का एक कार्ड लगा होता था, जिस पर 001 नंबर लिखा होता था।

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