कासगंज हिंसा: रविवार देर रात फिर आगजनी, 20 लाख के मुआवजे का ऐलान

कासगंज हिंसा: रविवार देर रात फिर आगजनी, 20 लाख के मुआवजे का ऐलान

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-29 04:19 GMT
कासगंज हिंसा: रविवार देर रात फिर आगजनी, 20 लाख के मुआवजे का ऐलान

डिजिटल डेस्क, कासगंज। उत्तर प्रदेश के कासगंज में दो समुदायों के बीच शुक्रवार को हुई झड़प की आग अभी भी शांत नहीं हुई है। रविवार की रात फिर से कासगंज में हिंसा भड़क गई। उपद्रवियों ने देर रात आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया। कासगंज में उपद्रवी किसी के काबू में नहीं आ रहे हैं। तीसरे दिन की सुबह आगजनी के साथ हुई थी और रात भी आगजनी के साथ हुई है। सूत की मंडी में एक घर में तथा पीएलजीसी कॉलोनी के एक घर में आग लगाई गई है। 

 

तीसरे दिन भी सुलगता रहा कासगंज, इंटरनेट सेवाएं बंद

 

 

मुख्य मार्गों पर पुलिस तैनात

 

हालांकि शाम को शांति कमेटी के बैठक के बाद बाजार खुल गया था, लेकिन शाम बीतते बीतते माहौल फिर गरमा गया। सूत की मंडी में एक घर में आग लगाई गई है। घर का सामान जल गया। घर गली में है, इसलिए आग लगाने वाले को किसी ने नहीं देखा। पुलिस बल मुख्य मार्गों पर तैनात है। आग लगने की सूचना पर पुलिस दौड़ी। अग्निशमन दल को बुला कर तत्काल ही आग पर काबू पा लिया गया। पीएलजीसी कॉलोनी में भी कुछ ऐसा ही हुआ है। इससे पहले नदरई गेट इलाके में दुकानों को आग के हवाले कर दिया। पूरे शहर में धारा 144 लागू करने के साथ ही रविवार रात 10 बजे तक के लिए इंटरनेट सेवा ठप कर दी गई हैं।

 

 


 

सीएम योगी ने किया मुआवजे का ऐलान

 

बता दें कि कासगंज में गणतंत्र दिवस पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा निकाली गई तिरंगा यात्रा को लेकर विवाद हो गया था। इसमें युवा चंदन गुप्ता की गोली लगने से मौत हो गई थी। युवक चंदन गुप्ता की हत्या का आरोपी शकील फरार है। आज पुलिस ने उसके घर में तलाशी के दौरान पिस्टल बरामद की है। इसके बाद ही उसके घर से देशी बम भी मिला है। इसके बाद हिंसा भड़क उठी थी। इस बीच जिलाधिकारी आरपी सिंह ने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ शासन ने चंदन के परिजनों को 20 लाख रुपए की देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कासगंज हिंसा में मारे गए चंदन गुप्त के परिजनों को 20 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने का निर्देश देते हुए ट्वीट किया है। 

 

 

 

 

बता दें रविवार को पुलिस ने इस मामले में अब तक 112 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस का दावा है कि स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है, लिहाजा अब कर्फ्यू लागू नहीं किया गया है। इलाके पर ड्रोन कैमरों की मदद से नजर रखी जा रही है। वहीं 81 अन्य को एहतियातन गिरफ्तार किया गया है। इस हिंसा के मामले में अब तक पांच मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इनमें से तीन कासगंज के कोतवाल की तहरीर पर दर्ज हुए हैं। 

 

 

 

 

आरोपियों के घर पर दी हई दबिश


पुलिस महानिरीक्षक अलीगढ़ जोन संजीव कुमार गुप्ता ने बताया कि घटनाओं को अंजाम देने वाले नामजद आरोपियों के घरों पर दबिश दी जा रही है। इस दौरान कुछ हथियार बरामद किए गए हैं। डीजीपी ने एक इंटरव्यू में कहा कि सभी आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि रासुका लगने की स्थिति में आरोपियों को जमानत मिलनी बहुत मुश्किल हो जाएगी। रासुका तामील होने पर आरोपी को कम से कम तीन महीने के लिए जेल में रहना पड़ेगा। हर तीन महीने पर हिरासत की मियाद को बढ़ाया जा सकता है। 

 

 

पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने की जांच की मांग

 

वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने नई दिल्ली स्थित पार्टी ऑफिस में राज्य सरकार को सांप्रदायिक दंगों के लिए जिम्मेदार ठहराया है। इसके साथ ही जांच उच्च न्यायालय में कराऩे की मांग की है। उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और एसपी अध्यक्ष अखिलेश यादव अब कासगंज हिंसा मामले में सामने आ गए हैं। उन्होंने घायलों के उपचार समेत मृत युवक के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने प्रशासन से कार्रवाई के नाम पर निर्दोष लोगों के साथ अत्याचार न करने की अपील की है। 


अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए कहा, "कासगंज की हिंसा दुखद है। मृत युवक के परिजों को 50 लाख रुपए मुआवजा और घायलों के उपचार की सरकार व्यवस्था करे। जान-माल की सुरक्षा के साथ ही नुकसान के भरपाई का भी इंतजाम किया जाए। दबिश और कार्रवाई के नाम पर निर्दोष लोगों के साथ अत्याचार न हो।" 


 

 

 

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