बच्चों की कस्टडी को लेकर बने अंतरदेशीय कानून : चीफ जस्टिस

बच्चों की कस्टडी को लेकर बने अंतरदेशीय कानून : चीफ जस्टिस

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-08 17:16 GMT
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जे एस खेहर ने शनिवार को कहा कि पति-पत्नी के बीच बच्चों की कस्टडी को लेकर एक अंतरदेशीय कानून बनाने की जरूरत है। कस्टडी को लेकर होने वाला झगड़ा जब राष्ट्रीय सीमाओं से बाहर चला जाता है तो बच्चों से जुड़ा यह महत्वपूर्ण मामला संबंधित देशों के कानून में उलझ जाता है। भुगतना बच्चों को पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि बाल संरक्षण के मामले में एक अंतरदेशीय कानून बनें।

चीफ जस्टिस ने यह बात इंटरनेशनल लॉ एसोसिएशन द्वारा आयोजित अखिल भारतीय संगोष्ठी के उद्घाटन के मौके पर कही। उन्होंने इस मामले में सरकार से समग्र कानून बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बच्चे राष्ट्र का भविष्य हैं और माता-पिता के विवाद की वजह से उनके शारीरिक, मानसिक और नैतिक स्वास्थ्य के संरक्षण से समझौता नहीं किया जा सकता।

न्यायमूर्ति खेहर ने आगे कहा, 'एकमात्र सवाल यह होता है कि माता-पिता में से किसे बच्चे की जिम्मेदारी दी जाए। यह आसान नहीं है। यह संस्कृति से जुड़ा सवाल है जिसमें जीवन जीने का तरीका जुड़ा है, जिन परंपराओं का बच्चा अभ्यस्त है। यह दो देशों की संप्रभुता का भी सवाल है।'

 

 

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