'सुप्रीम कोर्ट हो या राजनैतिक दल सभी को वर्चस्ववादी चेहरों से मुक्त कराना होगा'

'सुप्रीम कोर्ट हो या राजनैतिक दल सभी को वर्चस्ववादी चेहरों से मुक्त कराना होगा'

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-12 16:12 GMT
'सुप्रीम कोर्ट हो या राजनैतिक दल सभी को वर्चस्ववादी चेहरों से मुक्त कराना होगा'

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठ जजों ने शुक्रवार को देश के इतिहास में पहली बार चीफ जस्टिस पर सवाल खड़े किए। इन जजों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक तरह से काम नहीं कर रहा है और यदि ऐसा ही चलता रहा, तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में जस्टिस जे चेलामेश्वर के नेतृत्व में जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने मीडिया के सामने यह बातें रखी।

सुप्रीम कोर्ट में जजों के बीच सामने आए इस मतभेद के बाद कुमार विश्वास ने ट्वीट किया है कि सुप्रीम कोर्ट हो या राजनैतिक दल सभी को वर्चस्ववादी चेहरों से मुक्त कराना होगा। उन्होंने लिखा, "चाहे #SupremeCourt हो,सरकारें हों या राजनैतिक दल हर जगह अहंकारी, असुरझा-ग्रस्त और कमजर्फ शासक,हमारी साँझी लोकतांत्रिक विरासत के लिए सबसे बड़े खतरे हैं.समय रहते, चमचों द्वारा नियोजित इनके मुखौटे के पीछे छिपे असली वर्चस्ववादी चेहरों को पहचान कर देश को इस रोग से मुक्त कराना ही होगा।"


कुमार विश्वास ने जज विवाद के साथ ही राजनैतिक दलों में अहंकारी और वर्चस्ववादी चेहरों का जिक्र किया। इससे उनका इशारा आम आदमी पार्टी में हाईकमान द्वारा लिए जा रहे एकतरफा फैसले की ओर माना जा रहा है। गौरतलब है कि कुमार विश्वास लगातार आप हाईकमान द्वारा नजरअंदाज किए जा रहे हैं। पार्टी ने उन्हें राज्यसभा का टिकट नही दिया था। साथ ही उन्हें हाल ही में दिल्ली सरकार द्वारा आयोजित राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में भी नहीं बुलाया गया था।

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