महबूबा ने आतंकी मन्नान को बताया पीड़ित, AMU के सस्पेंड छात्रों का भी किया समर्थन

महबूबा ने आतंकी मन्नान को बताया पीड़ित, AMU के सस्पेंड छात्रों का भी किया समर्थन

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-15 16:56 GMT
महबूबा ने आतंकी मन्नान को बताया पीड़ित, AMU के सस्पेंड छात्रों का भी किया समर्थन
हाईलाइट
  • तीनों छात्रों पर आतंकी मन्नान बशीर वानी के लिए प्रार्थना सभा आयोजित करने की कोशिश करने का आरोप है।
  • महबूबा मुफ्ती ने केंद्र से इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहा।
  • महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को AMU के तीन कश्मीरी छात्रों के खिलाफ राजद्रोह के आरोपों को वापस लेने की मांग की।

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के तीन कश्मीरी छात्रों के खिलाफ राजद्रोह के आरोपों को वापस लेने की मांग की। इन तीनों छात्रों पर आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर मन्नान बशीर वानी के लिए प्रार्थना सभा आयोजित करने की कोशिश करने का आरोप है। उन्होंने केंद्र से इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहा। इतना ही नहीं महबूबा मुफ्ती ने आतंकी मन्नान वानी को कश्मीर में जारी हिंसा का पीड़ित भी बताया।

मन्नान वानी कश्मीर के हंडवाड़ा जिले में सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया था। मन्नान के मारे जाने के एक दिन बाद AMU के तीन छात्रों ने 12 अक्टूबर को कथित तौर पर भारत विरोधी नारेबाजी की थी और नमाज-ए-जनाजा (प्रार्थना सभा) करने का प्रयास किया था। जिसके बाद तीनों छात्रों पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था और यूनिवर्सिटी से सस्पेंड कर दिया गया था। हालांकि तीनों छात्रों पर हुई कार्रवाई से कई छात्र नाराज हैं और करीब 1200 कश्मीरी छात्रों ने रविवार को AMU प्रशासन को पत्र लिखकर यूनिवर्सिटी छोड़कर जाने की चेतावनी दी है।

सस्पेंड छात्रों के समर्थन में ट्विटर पर महबूबा मुफ्ती ने लिखा, "छात्रों पर इतना दबाव बनाना उल्टा पड़ सकता है। केंद्र को मामले में हस्तक्षेप करके मुकदमे वापस करवाने चाहिए और AMU प्रशासन को चाहिए कि वह छात्रों के सस्पेंशन वापस ले। मामले से जुड़ी राज्य सरकार को भी स्थिति के बारे में संवेदनशील होना चाहिए और अलगाव को रोकना चाहिए।" उन्होंने कहा, कश्मीर में हिंसा का शिकार होने वाले अपने पूर्व सहयोगी को याद रखने के लिए इन छात्रों को दंडित करना हास्य जनक होगा।   

बता दें कि मन्नान वानी AMU में PhD स्कॉलर था और यूनिवर्सिटी से लापता हुआ था। मन्नान जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा का मूल निवासी था। 2 जनवरी को वह अचानक लापता हो गया था। इसके बाद 5 जनवरी को उसके आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन में शामिल होने की खबर आई थी। इसके तीन दिन बाद हिज्बुल चीफ सैयद सलाहुद्दीन ने दावा किया था कि मन्नान वानी ने हिज्बुल ज्वाइन कर लिया है। गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में सर्च ऑपरेशन के दौरान मारे गए दो आतंकवादियों में से एक मन्नान वानी था। यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि एनकाउंटर की खबर के बाद 15 छात्र कैनेडी हॉल में इकट्ठा हुए थे। इन छात्रों ने वहां कथित तौर पर उसके जनाजे की नमाज पढ़ने की कोशिश की थी।

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