निर्भया केस: गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति को भेजी दोषी विनय की दया याचिका, जल्द फांसी संभव

निर्भया केस: गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति को भेजी दोषी विनय की दया याचिका, जल्द फांसी संभव

Bhaskar Hindi
Update: 2019-12-06 13:04 GMT
निर्भया केस: गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति को भेजी दोषी विनय की दया याचिका, जल्द फांसी संभव

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने 2012 के सामूहिक बलात्कार के दोषी विनय शर्मा की दया याचिका की फाइल शुक्रवार के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेज दी। गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति से इस याचिका को खारिज करने की सिफारिश भी की है। अगर राष्ट्रपति इस याचिका को खारिज कर देते हैं तो फिर विनय शर्मा को जल्द फांसी दी जाएगी।

निर्भया के माता-पिता ने भी राष्ट्रपति कार्यालय को विनय शर्मा की ओर से दायर दया याचिका को खारिज करने की मांग की है। पत्र में कहा गया है कि यह दया याचिका, मौत की सजा से बचने का प्रयास है। हालांकि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अभी दौरे पर हैं और उनके वापस आने के बाद ही दोषी विनय शर्मा की दया याचिका पर कोई फैसला लिया जाएगा।

बता दें कि 2012 के निर्भया गैंगरेप केस में दोषियों को फांसी की सजा मुकर्रर हुई है। दोषी विनय शर्मा की फ़ाइल दया याचिका के लिए सबसे पहले दिल्ली सरकार के पास आई थी। इस फाइल पर सख़्त टिप्पणी करते हुए दिल्ली सरकार के गृह विभाग के मंत्री सत्येंद्र जैन ने याचिका को खारिज करने की सिफारिश की थी। सत्येंद्र जैन ने फ़ाइल पर टिप्पणी करते हुए नोट लिखा था कि, "ये एक बेहद जघन्य अपराध है लिहाज़ा इसे खारिज करने की सिफारिश करते हैं।"

इसके बाद दया याचिका खारिज करने की सिफारिश वाली फाइल दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने गृह मंत्रालय को भेजी। बुधवार को यह फाइल गृह मंत्रालय को मिली जिसके बाद इस फाइल को शुक्रवार को राष्ट्रपति के पास भेज दिया गया। इस मामले में कुल छह आरोपी थे। तिहाड़ जेल में बंद सभी दोषियों में से केवल विनय शर्मा ने राष्ट्रपति के सामने दया याचिका लगाई थी।

विनय के अलावा तीन अन्य दोषियों अक्षय, पवन और मुकेश ने दया याचिका लगाने से मना कर दिया था। पांचवें आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में ही खुदकुशी कर ली थी जबकि छठा नाबालिग 3 साल की दोषी सजा पूरी करके बाहर आ चुका है।

16 दिसंबर 2012 को 23 साल की पैरा मेडिकल छात्रा निर्भया के साथ गैंगरेप किया गया था। एक नाबालिग सहित छह लोगों ने चलती बस में गैंगरेप और लोहे के रॉड से क्रूरतम आघात किया गया था। बाद में उसने दम तोड़ दिया। वह दक्षिणी दिल्ली के मुनीरका में एक प्राइवेट बस में अपने एक दोस्त के साथ चढ़ी थी। इस मामले की क्रूरता ने देश को हिलाकर रख दिया था और बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे।

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