श्रीनगर की सेंट्रल जेल में NIA का छापा, पाकिस्तानी झंडा और जिहादी सामग्री बरामद

श्रीनगर की सेंट्रल जेल में NIA का छापा, पाकिस्तानी झंडा और जिहादी सामग्री बरामद

Bhaskar Hindi
Update: 2018-03-12 17:51 GMT
श्रीनगर की सेंट्रल जेल में NIA का छापा, पाकिस्तानी झंडा और जिहादी सामग्री बरामद

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। श्रीनगर की सेंट्रल जेल में कैदी खुलेआम आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे है। ये खुलासा NIA (नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी) की छापेमार कार्रवाई में हुआ है। छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने जेल से एक पाकिस्तानी झंडा, मोबाइल, जिहाद से संबंधित किताबें, सहित सिमकार्ड और आईपैड जब्त किया है। गौरतलब है कि पहले भी कई बार कश्मीर जेल को आतंकियों के लिए स्वर्ग होने की बात कही गई है। वहीं जम्मू-कश्मीर सीआईडी की रिपोर्ट ने खुलासा किया था कि श्रीनगर की सेंट्रल जेल आंतकवादियों की भर्ती करने का एक अड्डा बन गई है।

NIA को मिला था इनपुट
जानकारी के मुताबिक एनआईए को इनपुट मिला था कि श्रीनगर की जेल में आतंकी संगठन अल-बद्र बड़ी साजिश रच रहा है। जिसके बाद एनआईए की करीब 20 टीमें सोमवार को श्रीनगर जेल की सेंट्रल जेल में छापेमारी करने पहुंची। सीआरपीएफ जवानों और एनएसजी कमांडोज ने संयुक्त रूप से इसमे हिस्सा लिया। एनआईए की टीमों के साथ मजिस्ट्रेट, गवाह और डॉक्टर भी थे तलाशी सोमवार तड़के शुरु हुई और दोपहर तक चली। टीम ने सभी बैरकों और खुली जगहों की सघन चेकिंग की। इस काम में मेटल डिटेक्टरों की भी मदद ली गई। पूरी तलाशी के दौरान ड्रोन से भी नजर रखी गई थी।

छापेमारी में ये सामग्री हुई बरामद
एक सुरक्षा अधिकारी के मुताबिक कुपवाड़ा के दानिश गुलाम लोन और सुहैल अहमद भट नाम के दो युवकों ने जेल परिसर में आतंकी साजिश रचे जाने का दावा किया गया था। जिसके बाद ये तलाशी की गई। इन दोनों युवकों ने कहा था कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन अल बद्र के नए रंगरुटों को हथियारों के प्रशिक्षण के लिए भेजा जा रहा है जिसकी पूरी साजिश श्रीनगर के सेंट्रल जेल में रची गई। इस छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने जेल से एक पाकिस्तानी झंडा, दो दर्जन से आधिक मोबाइल, जिहाद से संबंधित किताबें, 25 से ज्यादा सिमकार्ड और आईपैड समेत अन्य सामान जब्त किया है।

अस्पताल से फरार हो गया था आतंकी
गौरतलब है कि, श्रीनगर में सेंट्रेल जेल से अस्पताल ले जाते हुए हाल ही में एक पाकिस्तानी आतंकवादी नवीद जट फरार हो गया था। अस्पताल के बाहर इंतजार कर रहे आतंकियों ने पुलिस दल पर हमला किया और हंजुल्लाह को भगाकर ले गए। घटना में 2 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इस मामले को केंद्र सरकार ने गंभीरता से लिया था। मामले के सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार को जेलों की सुरक्षा सख्त करने के लिए निर्देशित किया था। जेलों की सुरक्षा के साथ-साथ कैदियों की आवाजाही के दौरान भी सुरक्षा की समीक्षा करने को कहा गया था।

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