NDA में शामिल होने JDU में बनी सहमति, शरद यादव समर्थकों ने किया हंगामा
NDA में शामिल होने JDU में बनी सहमति, शरद यादव समर्थकों ने किया हंगामा
डिजिटल डेस्क, पटना। सीएम नीतीश कुमार ने अपने आवास पर पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक कर एक बड़ा फैसला लिया है। बैठक में पार्टी सदस्यों ने एनडीए में शामिल होने का प्रस्ताव पास कर दिया है। हालांकि इस फैसले पर फिलहाल औपचारिक ऐलान नहीं हुआ हैं। इस फैसले के साथ ही बिहार की सबसे बड़ी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) अब दो हिस्सों में बंट गई है। पार्टी के दोनों दिग्गज नेता नीतीश कुमार और शरद यादव ने पार्टी को लेकर दो अलग-अलग रास्ते चुन लिये हैं।
जेडीयू के इस फैसले के बाद बागी नेता शरद यादव ने नाराजगी जाहिर की और उनके समर्थको ने सीएम हाउस के बाहर जमकर हंगामा किया। शरद यादव ने पार्टी के एक खेमे के साथ मिलकर "जन अदालत सम्मेलन" का आयोजन किया था, जिसमें शरद ने अपना रुख साफ करते हुए कहा, "मैं किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं, बल्कि बिहार के लोगों के साथ हूं।" बिहार के लोग दुखी हैं। इसके साथ ही उन्होंने सम्मेलन में शामिल नेताओं से कहा कि जो भी मंच पर बोले और किसी का नाम लिए बिना ही अपनी बात रखें।
शरद यादव ने कहा है कि नरेंद्र मोदी ने 2014 में 2 करोड़ नौकरियों का वादा किया था, लेकिन उस पर कुछ नहीं किया। लोकतंत्र पर अपने वादे निभाना जरूरी है, लेकिन ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है। देश में आज बेरोजगारी चरम पर हैं. युवाओं के पास काम नहीं है।
शरद की बगावत की वजह
शरद यादव की बगावत का सबसे बड़ा कारण ये भी माना जा रहा है कि शरद चाहते है कि उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया जाए। रिपोर्ट्स की मानें तो, शरद चुनाव आयोग में JDU का असली उत्तराधिकारी होने का दावा करेंगे। ये ठीक वैसे ही होगा जैसा यूपी में अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी पर अपने अधिकार और वर्चस्व को लेकर दावा किया था।