केंद्र ने कहा- दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी की मौत नहीं हुई

केंद्र ने कहा- दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी की मौत नहीं हुई

Bhaskar Hindi
Update: 2021-07-20 17:03 GMT
केंद्र ने कहा- दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के कारण किसी की मौत नहीं हुई
हाईलाइट
  • दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से मौत पर सरकार का जवाब
  • बयान केसी वेणुगोपाल द्वारा राज्यसभा में उठाए गए एक सवाल के जवाब में दिया गया
  • राज्य/केंद्रशासित प्रदेश ने ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत की सूचना नहीं दी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि दूसरी लहर के दौरान लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) की कमी के कारण किसी भी राज्य/केंद्रशासित प्रदेश ने कोविड-19 मरीजों की मौत की सूचना नहीं दी। यह बयान कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल द्वारा राज्यसभा में उठाए गए एक सवाल के जवाब में दिया गया है।

वेणुगोपाल ने पूछा था कि क्या यह सच है कि दूसरी लहर में ऑक्सीजन की भारी कमी के कारण सड़कों और अस्पतालों में बड़ी संख्या में कोविड-19 रोगियों की मौत हुई? उन्होंने पिछले तीन महीनों के दौरान राज्यों द्वारा ऑक्सीजन की कुल मांग और राज्यों को आपूर्ति किए गए एलएमओ पर भी सरकार से जवाब मांगा था। कांग्रेस सांसद ने लिखा, सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने चाहिए कि देश में ऑक्सीजन की कमी न हो क्योंकि विशेषज्ञों का मानना ​​है कि अगर भारत में कोविड-19 संक्रमण की तीसरी लहर आती है, तो बड़ी संख्या में मरीजों को ऑक्सीजन की आवश्यकता होगी।

इसके जवाब में, केंद्र ने कहा कि हेल्थ एक "स्टेट सब्जेक्ट" है और यह राज्यों की जिम्मेदारी है कि वे नियमित रूप से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को कोविड-19 मामलों और मौतों की रिपोर्ट करें। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, "हालांकि, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा विशेष रूप से ऑक्सीजन की कमी के कारण कोई मौत की जानकारी नहीं दी गई है।" इसमें कहा गया है कि देश में एलएमओ की मांग पहली लहर के दौरान 3,095 मीट्रिक टन की तुलना में दूसरी लहर के दौरान लगभग 9,000 मीट्रिक टन पर पहुंच गई थी।

केंद्र ने लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन की कमी को कम करने के लिए उठाए गए कदमों पर भी प्रकाश डाला। केंद्र की तरफ से बताया गया कि ऑक्सीजन की पूर्ति के लिए इसके औद्योगिक उपयोग पर प्रतिबंध लगाए गए थे। इसके उपयोग को लेकर गाइडलाइन्स भी जारी की गई थी। हेल्थ मिनिस्ट्री ने कहा, "कुल 4,02,517 ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदे गए/खरीदे जा रहे हैं और राज्यों को वितरित किए गए। साथ ही, 1222 पीएसए ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट्स को मंजूरी दी गई है। इनमें से 15 जुलाई 2021 तक 237 प्लांट चालू हो गए हैं। इसके अलावा विभिन्न मंत्रालयों द्वारा 295 पीएसए प्लांट लगाए जा रहे हैं।

मंत्रालय ने यह भी दोहराया कि 1,050 लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (LMO) टैंक, MGPS (सेंट्रल मेडिकल ऑक्सीजन गैस पाइपलाइन सिस्टम) के लिए (प्रत्येक के लिए 80 लाख रुपए) अप्रूव किए गए हैं। 8 जुलाई को कैबिनेट की ओर से अप्रूल सेकंड कोविड पैकेज के हिस्से के रूप में ये किया गया है।

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