गोरखालैंड को लेकर जनमत जगा रहा है म्यूजिकल बैंड

गोरखालैंड को लेकर जनमत जगा रहा है म्यूजिकल बैंड

Bhaskar Hindi
Update: 2017-07-02 09:26 GMT
गोरखालैंड को लेकर जनमत जगा रहा है म्यूजिकल बैंड

डिजिटल डेस्क, दार्जिलिंग. दार्जिलिंग में गोरखालैंड की मांग को लेकर अब म्यूजिकल बैंड और एकल गायन के जरिए प्रदर्शन हो रहा हैं।

पहाड़ियों की सबसे प्रसिद्ध बैंड, मंत्रा ने गोरखालैंड आंदोलन को समर्थन देने वाले गीत बनाए हैं। बैंड के सदस्य ढंढोरू बृजू चौधरी ने कहा, "हमने गोरखालैंड आंदोलन के पक्ष में एक गीत बना लिया है। हमें लगता है कि ये गीत एक शक्तिशाली हथियार है, जो कि जनता तक पहुंचेगा।" चौधरी ने बताया, "इन गीतों के माध्यम से हम पूरे देश के लोगों तक अपनी बात पहुंचाएंगे और गोरखालैंड के बारे में जनमत बनाएंगे।" मंत्रा बैंड का 1990 में बनाया गया था। तब छह युवा गायकों ने अपने करियर को संगीत बनाने का फैसला किया। उन्होंने कहा, "ये अन्याय है। अगर कोई आपको मारता है और आपको एक आतंकवादी के रूप में ब्रांडेड करता है, जबकि आप लोकतांत्रिक तरीके से अपनी सही मांग के लिए लड़ रहे हैं।

मंत्रा की तरह, दार्जिलिंग और सिक्किम के कई छोटे संगीत बैंडों ने भी गोरखालैंड के पक्ष में गाने लिखे हैं। कुर्सीओंग में एक बैंड के प्रमुख गायक प्रणय छेत्री ने कहा, "हमने गाने बनाये हैं, लेकिन इंटरनेट प्रतिबंध के कारण सोशल मीडिया पर इसे अपलोड करने में असमर्थ हैं। इसलिए हम अलग-अलग राज्य और हमारी पहचान के पक्ष में छोटे से सड़क के किनारे प्रदर्शन का आयोजन कर रहे हैं।" सोलो गायक भी अपने गीतों को आंदोलन के समर्थन में "गोरखाओं की पहचान के लिए लड़ाई" के रूप में पेश करने के लिए भी ऐसा ही कर रहे हैं।

दार्जिलिंग के एक गायक ने कहा, "हम हर धर्म और समुदाय का सम्मान करते हैं, लेकिन अन्य लोगों को भी हमारे सम्मान की आवश्यकता है। मुझे उम्मीद है कि ये गीत इस गोरखालैंड आंदोलन के पैर सैनिकों के मनोबल को मजबूत करने में मदद करेंगे।" 

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