कर्नाटक में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सावरकर की तस्वीर को लेकर भड़का विवाद, जमकर हुआ हंगामा, कई जगह लगाया गया कर्फ्यू

सावरकर को लेकर फिर से बवाल कर्नाटक में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सावरकर की तस्वीर को लेकर भड़का विवाद, जमकर हुआ हंगामा, कई जगह लगाया गया कर्फ्यू

Anchal Shridhar
Update: 2022-08-15 14:38 GMT
हाईलाइट
  • शिवमोगा के कुछ इलाकों में धारा 144 लागू

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। स्वातंत्रता दिवस के अवसर पर कर्नाटक के शिवमोगा जिले में सावरकर के पोस्टर को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद हो गया। दरअसल, हिंदुवादी संगठनों ने स्वातंत्रता दिवस के मौके पर सावरकर का पोस्टर लगाया। जिसे लेकर कुछ मुस्लिम युवकों ने विरोध किया। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच विवाद होने लगा। विवाद को गहराता देख पुलिस प्रशासन ने जिले के कुछ स्थानों में कर्फ्यू लगा दिया। गौरतलब है कि तस्वीर को हटाने को लेकर हिंदूवादी संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन शुरु कर दिया गया है। 

मंगलुरु में भी हुआ ऐसा ही बवाल

प्रदेश के मंगलुरु में भी ऐसा ही विवाद हुआ। जहां सोशल डिमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया के वर्करों ने सावरकर की बैनर लगाने को लेकर विरोध किया। पार्टी द्वारा आपत्ति जताए जाने के बाद पुलिस ने बैनर को हटा दिया। इस बैनर को हटाने के आदेश निगम आयुक्त ए.श्रीधर ने दिए थे जिसके बाद बैनर वहां से अलग किया गया। दरअसल, यहां के सुरतकल चौराहे का नाम सावरकर के नाम पर रखा गया था। इस चौराहे का नाम सावरकर के नाम पर रखने का प्रस्ताव बीजेपी के विधायक भारत शेट्टी ने मेंगलुरु नगर निगम के समक्ष रखा था, जिसे निगम द्वारा मंजूर भी कर लिया गया था। मगर अभी नगर निगर को इसके आधिकारिक नामकरण करने की अनुमति सरकार द्वारा नहीं मिल पाई है। 

नगर निगम आयुक्त ने मीडिया को बताया कि चौराहे का नाम सावरकर के नाम पर रखने का प्रस्ताव निगम ने मंजूर कर लिया था लेकिन सरकार की तरफ से इसकी आधिकारिक मंजूरी नहीं मिली है इसलिए शिकायत आने के बाद बैनर को हटाने का आदेश दिया गया। 

कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया भी ले चुके हैं सावरकर को निशाने पर 

गौरतलब है कि कांग्रेस के संकटमोचक कहे जाने वाले डीके शिवकुमार और नेता प्रतिपक्ष इससे पहले सावरकर पर सोशल मीडिया के माध्यम से हमला बोल चुके हैं। सिद्धारमैया ने सावरकर को अंग्रेजों से विनती करना वाला और उनकी कठपुतली के रुप में काम करने वाला बताया। साथ ही उन्होंने कर्नाटक के सीएम बसवराज वोम्मई पर निशाना साधते हुए उन्हें आरएसएस का गुलाम कहा। दरअसल, 15 अगस्त के सरकारी विज्ञापन में स्वातंत्रता संग्राम सेनानियों की सूची दी गई है जिसमें देश के पहले पीएम जवाहरलाल नेहरु का नाम गायब था। इसको लेकर ही दोनों कांग्रेसी नेताओं की तरफ से राज्य सरकार और सावरकर पर हमला बोला गया।

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