व्यक्ति कठिन परिश्रम से ही सफलता पा सकता है : रितु करिधाल
व्यक्ति कठिन परिश्रम से ही सफलता पा सकता है : रितु करिधाल
लखनऊ, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। चंद्रयान-2 की मिशन डायरेक्टर रितु करिधाल ने मंगलवार को यहां कहा कि किसी भी परिस्थिति में परिश्रम करते रहना चाहिए, क्योंकि व्यक्ति अपने कठिन परिश्रम से ही सफलता प्राप्त कर सकता है।
रितु करिधाल को यहां लखनऊ विवि में डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। इस दौरान उन्होंने कहा, इसरो में हमें किसी भी परिस्थिति को कैसे संभालें, उस परिस्थिति को ठीक करने के लिए हमारा अप्रोच क्या होना चाहिए, यह सिखाया जाता है। इसरो ने किसी भी परिस्थिति में हार न मानने की सीख दी है। परिस्थितियां कितनी भी विपरीत क्यों न हों, उसका सामना कैसे करना है, जिसने इसे सीख लिया, उसे सफलता मिलनी सुनिश्चित है। कठिन परिश्रम के माध्यम से सफलता हासिल की जा सकती है।
रितु करिधल ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, आज आपको जो डिग्री मिली वह अभी तक आपकी शिक्षा का सबसे बड़ा सम्मान है। यह शिक्षा ही है, जो आपके लिए भविष्य में सबसे बड़ा हथियार बनेगी।
उन्होंने बताया, 22 साल पहले जब दूरी को किलोमीटर में नहीं, दिनों में नापा जाता था, एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचने में कई दिन लगते थे, उस वक्त मेरे माता-पिता ने बिना डरे घर से दूर अनजान जगह पर भेजने का निर्णय लिया। उसी के बाद आगे बढ़ने की यात्रा शुरू हुई। इसरो में कई चुनौतियों का सामना करने का हौसला भी मिला। 1996 में फिजिक्स विभाग से पीजी की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने अपने शिक्षक प्रो़ एल.एम. बाली, प्रो़ जे.पी. शुक्ला, प्रो़ एन.के. मेहरोत्रा, प्रो़ पूनम पांडेय, प्रो़ मनीषा गुप्ता को धन्यवाद दिया।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने कहा, लखनऊ विश्वविद्यालय के उनपर कई एहसान हैं। दिल्ली से थोड़ा पथ भ्रष्ट होने पर 1971 में लखनऊ विश्वविद्यालय ने पनाह दी। उसके बाद बीए, एमए की पढ़ाई पूरी की। यहीं पर पत्नी से भी मुलाकात हुई थी। मां, पिता, बहनें व पत्नी सभी यहीं के छात्र रहे हैं।
दीक्षा समारोह में इस बार 40 हजार 35 छात्र-छात्राओं को विभिन्न पाठ्यक्रमों की डिग्री प्रदान की गई। इसमें 15459 छात्र और 24576 छात्राएं शामिल रहीं। इसके अलावा 196 मेडल प्रदान किए गए, जिसमें 66 मेडल छात्राओं को और 26 मेडल छात्रों को दिए गए।
-- आईएएनएस