अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों में कोरोना संक्रमण का ज्यादा खतरा

विशेषज्ञ अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों में कोरोना संक्रमण का ज्यादा खतरा

IANS News
Update: 2022-01-20 11:01 GMT
अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों में कोरोना संक्रमण का ज्यादा खतरा
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच संक्रमण से हो रही मौत का आंकड़ा बरकरार है। बुधवार को 35 मरीजों की मृत्यु दर्ज हुई। ऐसे में डॉक्टरों के मुताबिक, जो मरीज पहले से ही गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं, उन्ही मरीजों की इन परिस्थितियों में ज्यादा मौत हो रही है।

आंकड़ों के अनुसार, 9 जनवरी से 12 जनवरी तक 97 मरीजों की कोरोना संक्रमण के कारण मृत्यु हुई, जिनमें 40 मरीज दिल्ली के अस्पतालों में अपना इलाज करा रहे थे और यह वह मरीज थे जो पहले से ही किसी न किसी बीमारी से ग्रसित थे। हालांकि दो दर्जन से अधिक मरीजों का टीकाकरण भी नहीं हुआ था, इनमें कुछ को सिर्फ एक ही कोरोना से बचाव की डोज लगी थी।

एलएनजेपी अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार ने आईएएनएस को बताया कि, अधिकतर मरीज पहले से ही अस्पताल में भर्ती हैं और लंबी बीमारियों से ग्रसित हैं। इनमें कैंसर के मरीज, एड्स के मरीज, डायलिसिस वाले मरीज, लिवर फेयलियर मरीज आदि शामिल हैं। बहुत सारी बीमारियां ऐसी हैं जो लंबे वक्त तक चलती रहती हैं।

पहली बीमारियों के कारण मरीज अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं इसलिए संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। क्योंकि उनकी बीमारियां लास्ट स्टेज पर होती हैं।

उन्होगे आगे बताया कि, करीब 31 मरीज ऐसे हैं जिनका डायलसिस चल रहा है और वह संक्रमित भी हैं, हफ्ते में दो बार उनका डायलिसिस हो रहा है, काफी संख्या में कैंसर के मरीज भी हैं। दमें, टीबी और एड्स की बीमारी से ग्रहसित मरीज भी अस्पताल में भर्ती हैं।

इसके अलावा 9 जनवरी से 12 जनवरी के बीच सात मरीज 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे हैं और तीन एक वर्ष से कम उम्र के मासूम बच्चे हैं। वहीं 19 वर्ष से 40 वर्ष के कुल 18 मरीजों की मृत्यु हुई है। साथ ही 41 वर्ष से 60 वर्ष के कुल 37 मरीज, 60 वर्ष से 80 वर्ष के 27 मरीज और 80 वर्ष से अधिक उम्र के 8 मरीजों की मृत्यु हुई है।

दिल्ली के सरकारी और जिलास्तर अस्पतालों में 40 मरीजों की मृत्यु हुई, केंद्र के सरकारी अस्पतालों में 28 मरीज और निजी अस्पतालों में 29 मरीजों की मृत्यु हुई है।

एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती रहे 54 वर्षीय विनोद कुमार के बेटे तुषार सिंह ने आईएएनएस को बताया कि, मेरे पिता जी साल भर से किडनी की बीमारी से ग्रसित थे और डायलसिस होने के कारण टीकाकरण भी नहीं हो सका था ऐसे में अस्पताल में भी वह भर्ती रहते थे। डॉक्टरों के कहने पर हमने टीकाकरण नहीं कराया और इसके बाद भी अस्पताल में उन्हें इलाज भी सही नहीं मिल पाया।

दिल्ली में बुधवार को कोविड केस 13 हजार से अधिक दर्ज किए गए हैं, वहीं 35 मरीजों की मृत्यु भी हुई है। हालांकि राज्य में अब संक्रमण दर 23.86 फीसदी बनी हुई है। दिल्ली में कोरोना संक्रमण के कुल 13785 मामले सामने आए हैं।

दिल्ली में सक्रिय कोरोना मरीजों की संख्या 75282 हो गई है। इसके अलावा दिल्ली के विभिन्न कोविड अस्पतालों में कुल 2734 मरीज मौजूदा वक्त में भर्ती हैं। इनमें कुल 371 मरीज दिल्ली के बाहर से हैं और 2253 मरीज दिल्ली राज्य से हैं।

 

आईएएनएस

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