राष्ट्रपति चुनाव : कोविंद के समर्थन पर लालू-नीतीश में ठनी

राष्ट्रपति चुनाव : कोविंद के समर्थन पर लालू-नीतीश में ठनी

Bhaskar Hindi
Update: 2017-06-21 13:20 GMT
राष्ट्रपति चुनाव : कोविंद के समर्थन पर लालू-नीतीश में ठनी

टीम डिजिटल, नई दिल्ली. बिहार के सीएम नीतीश कुमार राष्ट्रपति पद के लिए बीजेपी के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देकर लालू के लिए बेगाने हो गए हैं. इस मसले पर नीतीश और लालू में इस कदर ठन गई है कि नीतीश ने विपक्ष के साझा उम्मीदवार के लिए होने वाली कल की बैठक से भी मुंह मोड़ लिया है. अलबत्ता लालू अभी भी कांग्रेसनीत विपक्ष उम्मीदवार के पक्ष में हैं. नीतीश के इस यूटर्न ने विपक्ष के उम्मदीवार की दावेदारी को काफी हद तक कमजोर कर दिया है.  

राष्ट्रपति पद का एनडीए उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद विपक्ष कई धड़ों में बंट गया है, वहीं बिहार के सीएम और राजद सुप्रीमो लालू के एकमत न होने से भी यूपीए को मुश्किलात का सामना करना पड़ सकता है. राष्ट्रपति चुनाव में दलित कार्ड खेलकर मोदी-शाह की जोड़ी ने कई राजनितिक पार्टियों को खामोश कर दिया है. इस मामले में अधिकांश राजनीतिक पार्टियां एनडीए उम्मीदवार कोविंद के समर्थन में उतर रही हैं. 

बता दें कि नीतीश ने राष्ट्रपति पद के एनडीए प्रत्याशी कोविंद को अपना समर्थन देते हुए अपने विधायकों से भी समर्थन देने को कहा है. महागठबंधन से उलट लालू ने कहा है कि नीतीश ने क्या फैसला लिया है ये उन्हें नहीं मालूम, लेकिन वो कल कांग्रेस की तरफ से बुलाई गई बैठक में जो फैसला होगा उसे ही मानेंगे.

हालांकि इस बात की चर्चा पहले से ही चल रही थी कि राष्ट्रपति चुनाव में नीतीश बीजेपी का साथ दे सकते हैं. राष्ट्रपति चुनाव पर चर्चा के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के भोज में ना जाकर नीतीश ने इस बात के इशारे पहले ही दे दिए थे. भोज में ना जाकर नीतीश कुमार पीएम मोदी से मिले थे.कहा तो यह भी जा रहा है कि एनडीए के राष्ट्रपति प्रत्याशी कौन होंगे ये भी नीतीश पहले से जानते थे.

नीतीश और लालू अब राष्ट्रपति चुनाव में अलग-अलग पाले में होंगे. लालू की प्रतिक्रिया में भी नीतीश के लिए खीझ दिख रही है. ऐसे में बिहार में महागठबंधन अब किस तरह आगे बढ़ता है यह देखना दिलचस्प होगा. वैसे पहले भी नीतीश-लालू में तकरार की बातें सामने आ चुकी है. शहाबुद्दीन मामले से लेकर IT छापों पर लालू अलग-थलग दिखाई दिए. चारा घोटाले में भी उनकी फाइल फिर से खोली जा रही है. ऐसे में यह तो साफ है कि लालू सबकुछ ठीक होने का कितना ही दावा कर ले लेकिन वास्तविकता कुछ और है.

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