ऐतिहासिक मंदी को स्वीकारे सरकार, कब तक हेडलाइन मैनेजमेंट से चलाएगी काम: प्रियंका

ऐतिहासिक मंदी को स्वीकारे सरकार, कब तक हेडलाइन मैनेजमेंट से चलाएगी काम: प्रियंका

Bhaskar Hindi
Update: 2019-09-03 07:49 GMT
ऐतिहासिक मंदी को स्वीकारे सरकार, कब तक हेडलाइन मैनेजमेंट से चलाएगी काम: प्रियंका
हाईलाइट
  • आर्थिक मंदी को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार पर साधा निशाना
  • प्रियंका ने कहा
  • किसी झूठ को सौ बार कहने से झूठ सच नहीं हो जाता

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने एक बार फिर केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। प्रियंका का कहना है कि, किसी झूठ को सौ बार कहने से वह सच नहीं हो जाता ऐसे ही आर्थिक मंदी का हाल सबके सामने है। सरकार को ये स्वीकार करना चाहिए कि अर्थव्यवस्था में ऐतिहासिक मंदी है और इसे हल करने के उपायों की तरफ बढ़ना चाहिए।

प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा, किसी झूठ को सौ बार कहने से झूठ सच नहीं हो जाता। BJP सरकार को ये स्वीकार करना चाहिए कि अर्थव्यवस्था में ऐतिहासिक मंदी है और उन्हें इसे हल करने के उपायों की तरफ बढ़ना चाहिए। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, मंदी का हाल सबके सामने है। सरकार कब तक हेडलाइन मैनेजमेंट से काम चलाएगी? 

इससे पहले भी प्रियंका गांधी कई बार बीजेपी सरकार पर निशाना साध चुकी हैं। मंदी की बात नहीं स्वीकारने को लेकर प्रियंका गांधी ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर जमकर हमला बोला था। प्रियंका ने कहा था, निर्मला सीतारमण को अर्थव्यवस्था की स्थिति के बारे में राजनीति से ऊपर उठकर भारत की जनता से सच बोलने की जरूरत हैं।

प्रियंका गांधी की यह टिप्पणी वित्त मंत्री के उस बयान के बाद आई थी, जिसमें उन्होंने कहा था, सरकार जरूरत के मुताबिक क्षेत्रवार समस्याओं को सुलझाने के कदम उठा रही है। सीतारमण से पत्रकारों ने पूछा था, क्या अर्थव्यवस्था में नरमी आ रही है। इस सवाल के जवाब में सीतारमण ने कहा, अर्थव्यवस्था का कोई भी क्षेत्र अपनी समस्याओं के साथ हमारे पास आता है तो हम उन्हें सुनते हैं और उसके हिसाब से कदम उठाते हैं।

कुछ दिन पहले बीजेपी के अच्छे दिनों वाले नारे को दोहराते हुए प्रियंका ने ट्वीट कर कहा था, GDP विकास दर से साफ है कि अच्छे दिन का भोंपू बजाने वाली भाजपा सरकार ने अर्थव्यवस्था की हालत पंक्चर कर दी है। न GDP ग्रोथ है न रुपए की मजबूती। रोजगार गायब हैं। अब तो साफ करो कि अर्थव्यवस्था को नष्ट कर देने की ये किसकी करतूत है?

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