मोदी पूरे देश के पीएम हैं, न कि बीजेपी के, हरियाणा के लिए उनकी भी जिम्मेदारी बनती है : हाईकोर्ट

मोदी पूरे देश के पीएम हैं, न कि बीजेपी के, हरियाणा के लिए उनकी भी जिम्मेदारी बनती है : हाईकोर्ट

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-26 07:21 GMT
मोदी पूरे देश के पीएम हैं, न कि बीजेपी के, हरियाणा के लिए उनकी भी जिम्मेदारी बनती है : हाईकोर्ट

डिजिटस डेस्क,नई दिल्ली। राम रहीम मामले को लेकर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार और हरियाणा सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने कहा कि हरियाणा सरकार ने राजनीतिक फायदे के लिए हिंसा होने दी, लगता है सरकार ने सरेंडर कर दिया था। वहीं केन्द्र सरकार को भी इस मामले में डांट सुननी पड़ी। हाईकोर्ट ने कहा कि केन्द्र सरकार को इस मामले में एक्शन लेना चाहिए था। जब केन्द्र सरकार के वकील ने कहा कि यह राज्य का मामला है तो हाई कोर्ट ने कहा, "हरियाणा देश का ही हिस्सा है पीएम मोदी पूरे देश के प्रधानमंत्री हैं, न कि बीजेपी के। उनकी भी कुछ जिम्मेदारी बनती है।" 

कोर्ट ने राम रहीम के 800 गाड़ियों के काफिले के साथ पंचकूला आने पर भी सवाल पूछे। कोर्ट ने पूछा कि आखिर 5 गाड़ियों से ज्यादा कैसे आने दी गईं। हाईकोर्ट ने सरकार से उन लोगों की लिस्ट मांगी है जिन्होंने पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाया। ताकि उनकी संपत्ति कुर्क कर नुकसान की भरपाई की जाए। हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि जिन अफसरों ने धारा 144 के बावजूद लोगों को एक जगह इकट्ठा होने दिया, उनके नाम बताएं जाएं।

गौरतलब है कि बीते 3 दिन से कोर्ट लगातार हरियाणा सरकार को मुस्तैदी बरतने के आदेश दे रहा है, लेकिन सरकार फिर भी हिंसा रोकने में नाकाम रही। हाईकोर्ट ने कल पुलिस से राम रहीम की संपत्तियों का ब्यौरा भी मांगा था। शनिवार को पुलिस ने हाई कोर्ट को जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने 36 डेरों को सील करने का काम शुरू कर दिया है। बता दें कि कल हाईकोर्ट ने कहा था कि इस हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई राम रहीम की संपत्ति जब्त करके की जाए।

आपको बता दें कि इस केस में फैसला आने के बाद पंजाब, हरियाणा में राम रहीम के समर्थक बेकाबू हो गए। राम रहीम के समर्थक कोर्ट परिसर के पास सुनवाई के पहले से ही मौजूद थे। फैसला आते ही उनके समर्थकों ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया। आलम ये था कि पुलिस पर उनकी गुंडागर्दी भारी पड़ी। बेकाबू हुए समर्थकों को पुलिस काबू में ना ला सकी और इस हिंसा में अब तक कुल 36 लोगों की मौत हो चुकी है।


 

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