34 साल बाद आज खुलेगा 'पुरी जगन्नाथ मंदिर' का रत्न भंडार, लंगोटी में जाएंगे निरीक्षक

34 साल बाद आज खुलेगा 'पुरी जगन्नाथ मंदिर' का रत्न भंडार, लंगोटी में जाएंगे निरीक्षक

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-04 04:19 GMT
34 साल बाद आज खुलेगा 'पुरी जगन्नाथ मंदिर' का रत्न भंडार, लंगोटी में जाएंगे निरीक्षक

डिजिटल डेस्क, पुरी। 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर का कोषागार आज 34 साल बाद निरीक्षण के लिए खोला जाएगा। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एस.जे.टी.ए.) के मुख्य प्रशासक पीके जेना ने बताया कि 10 सदस्यीय एक समिति 4 अप्रैल को रत्न भंडार (कोषागार) के तल, छत और दीवार की भौतिक स्थिति का निरीक्षण करेगी। रत्न भंडार में देवी-देवताओं के बेशकीमती जेवर और आभूषण रखे जाते हैं। इसका पिछली बार 1984 में निरीक्षण किया गया था।

 

दीवारों और छतों का होगा निरीक्षण

जानकारी के अनुसार, तब रत्न भंडार के सात में से सिर्फ तीन चैंबरों को खोला गया था। कोई नहीं जानता है कि अन्य चैंबरों में क्या रखा हुआ है। एसजेटीए के मुख्य प्रशासक पीके जेना ने कहा, ‘‘हम रत्न भंडार को खोलने से पहले निश्चित तौर पर एहतियाती कदम उठाएंगे।’’ उन्होंने इससे पहले स्पष्ट किया था कि रत्न भंडार के भीतर रखे आभूषणों और अन्य बेशकीमती सामानों का आकलन नहीं किया जाएगा और उसकी दीवारों और छतों का सिर्फ दृश्य निरीक्षण किया जाएगा।

 

बता दें कि इस खजाना घर का मुआयना करने वाले सिर्फ 10 लोगों को ही मंदिर के तहखाने में जाने की इजाजत होगी। ये लोग सिर्फ लंगोटी पहन कर ही खजाना घर में प्रवेश करेंगे जो कि 4 अप्रैल को खजाना घर देखेंगे। आपको बता दें इससे पहले यह खजाना घर 1984 में खोला गया था। प्रदीप जेना ने बताया कि इस दौरान दर्शनार्थियों को मंदिर के अंदर जाने की अनुमति नहीं होगी। मंदिर के खजाना घर का नाम रत्न भंडार गृह है। रत्न भंडार गृह का निरिक्षण करने वाली टीम को सिर्फ भवन को देखने की इजाजत होगी। उन्हें किसी भी खजाने वाली संदूक को खोलने या उन्हें हाथ लगाने की इजाजत नहीं होगी।  

 

पहले सपेरे करेंगे निरीक्षण

ये सभी लोग जब रत्न भंडार गृह में जाएंगे तो उससे पहले और बाद में अपनी तलाशी देंगे। रत्न भंडार गृह के अंदर जाने वालों को किसी भी प्रकार की सामग्री ले जाने की छूट नहीं होगी। हालांकि रत्न भंडार गृह देखने वालों को ऑक्सीजन का सिलिंडर और टार्च ले जाने की इजाजत होगी। निरीक्षण करने वाले 10 लोगों की टीम में पुरी के गजपति महाराजा और आर्कियोलॉजी के दो अधिकारी शामिल हैं, बताया जा रहा है इन लोगों को भी मंदिर के खजानें में हाथ लगाने की इजाजत नहीं होगी। प्रदीप जेना मीडिया को बताया कि हो सकता है कि रत्न भंडार गृह में सांप भी निकलें इसलिए पहले से ही सांप पकड़ने वालों को बुलवाया जाएगा ताकि कोई अनहोनी न हो पाए। 

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