छत्तीसगढ़ में भी सीएम के नाम पर घमासान, टीएस सिंह देव रेस में सबसे आगे

छत्तीसगढ़ में भी सीएम के नाम पर घमासान, टीएस सिंह देव रेस में सबसे आगे

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-12 18:32 GMT
छत्तीसगढ़ में भी सीएम के नाम पर घमासान, टीएस सिंह देव रेस में सबसे आगे
हाईलाइट
  • इस जीत के बाद अब कांग्रेस ये तय करने में जुट गई है की राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा?
  • छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को एतिहासिक जीत मिली है।
  • राज्य में सीएम चेहरे पर अंतिम फैसले की जिम्मेदारी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर छोड़ दी गई है।

डिजिटल डेस्क, रायपुर। मध्य प्रदेश और राजस्थान की ही तरह  छत्तीसगढ़ में भी सीएम पद के लिए कांग्रेस में घमासान चल रहा है। यहां दौड़ में सबसे आगे टीएस सिंह देव और भूपेश बघेल हैं। दोनों के ही समर्थक अपने-अपने नेता को सीएम बनाने की मांग के साथ रायपुर से लेकर दिल्ली तक डटे हुए हैं। दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के निवास पर गुरुवार को छत्तीसगढ़ के सीएम को लेकर लंबी चर्चा चली। इस दौरान पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी भी मौजूद रहीं। बैठक के बाद टीएस सिंह देव को दिल्ली बुलाया गया है। वे शुक्रवार सुबह दिल्ली के लिए रवाना होंगे। भूपेश बघेल और चरणदास महंत भी शुक्रवार सुबह दिल्ली के लिए रवाना होंगे।

छत्तीसगढ़ में सीएम के नाम पर तो सस्पेंस बना हुआ है लेकिन शपथ ग्रहण का कार्यक्रम तय कर दिया गया है। रायपुर में 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण कार्यक्रम होगा। छत्तीसगढ़ की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल नए मुख्यमंत्री को शपथ दिलाएंगी। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भी कार्यक्रम में शामिल होंगे।

इससे पहले बुधवार को रायपुर में हुई विधायक दल की बैठक में सीएम पद के लिए उम्मीदवार के चयन को लेकर लंबी रायशुमारी चली। जिन चार चेहरों पर चर्चा हुई उनमें भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव, चरणदास महंत और ताम्रध्वज साहू हैं। विधायक दल की बैठक में प्रस्ताव रखा गया था कि ऑब्जर्वर द्वारा विधायकों से रायशुमारी के बाद पार्टी हाईकमान पर अंतिम फैसला छोड़ दिया जाए। सभी विधायकों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया।

बैठक के बाद खड़गे ने कहा था कि "सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया है कि मुख्यमंत्री का चयन कांग्रेस प्रेसिडेंट राहुल गांधी करेंगे।" उन्होंने कहा था, "राहुल गांधी ने कहा था कि भले ही प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हो जाए, फिर भी प्रत्येक विधायक से बात की जानी चाहिए और उनकी राय पर विचार किया जाना चाहिए।" उन्होंने कहा था कि "पार्टी में किसी के भी बीच किसी तरह का कोई भी मतभेद नहीं है, हमारे सभी लोग एकजुट हैं।"

 

 

बता दें कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस पार्टी चुनाव प्रचार की शुरुआत से ही कई खेमों में बटी हुई थी। इसी के चलते राज्य में कांग्रेस ने बिना सीएम चेहरा प्रोजेक्ट किए चुनाव लड़ा। अब जब कांग्रेस के पास सरकार बनाने के लिए स्पष्ट बहुमत है, ऐसे में सीएम पद के लिए यहां कांग्रेस के इन खेमों में जोर आजमाइश तेज हो गई है।

बता दें कि 15 साल बाद छत्तीसगढ़ में जबरदस्त तरीके से कांग्रेस ने वापसी की है। राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 68 सीटों पर जीत हासिल हुई है। जबकि बीजेपी को महज 15 सीटें मिल पाई है। साल 2013 में हुए चुनाव में बीजेपी ने 49 सीटों पर अपना कब्जा जमाया था। वहीं कांग्रेस को 39 और बीएसपी को एक सीट पर जीत मिली थी, जबकि एक सीट पर इंडिपेंडेंट उम्मीदवार की जीत हुई थी।

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