अलवर मॉब लिंचिंग केस : पुलिस ने मानी गलती, कहा- पहले रकबर को हॉस्पिटल ले जाना चाहिए था

अलवर मॉब लिंचिंग केस : पुलिस ने मानी गलती, कहा- पहले रकबर को हॉस्पिटल ले जाना चाहिए था

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-23 16:31 GMT
अलवर मॉब लिंचिंग केस : पुलिस ने मानी गलती, कहा- पहले रकबर को हॉस्पिटल ले जाना चाहिए था
हाईलाइट
  • अलवर मॉब लिंचिंग केस में पुलिस ने ये माना है कि उनसे ये फैसला लेने में गलती हुई कि उस समय क्या जरूरी था।
  • असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (ASI) को सस्पेंड किया गया है और तीन कॉन्सटेबल को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
  • शुरुआती जांच में हमें लगता है कि मौके पर क्या ज्यादा जरूरी था
  • इसका फैसला लेने में चूक हुई।

डिजिटल डेस्क, अलवर। राजस्थान के अलवर मॉब लिंचिंग केस में पुलिस ने ये माना है कि गायों को गौशाला छोड़ने की बजाय पहले रकबर को हॉस्पिटल ले जाना चाहिए था। स्पेशल डीजी (पुलिस) एनआरके रेड्डी ने कहा कि हमारे पास अभी तक ऐसी कोई सूचना नहीं है कि पीड़ित को कस्टडी में पीटा गया लेकिन हां, शुरुआती जांच में हमें लगता है कि मौके पर क्या ज्यादा जरूरी था, इसका फैसला लेने में चूक हुई। वहीं उन्होंने कहा कि पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (ASI) को सस्पेंड किया गया है और तीन कॉन्सटेबल को लाइन हाजिर कर दिया गया है।

 

 



पुलिस पर लग रहे लापरवाही के आरोप
दरअसल, मॉब लिंचिंग में रकबर खान (अकबर खान) की मौत के मामले में राज्य पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि पुलिस ने रकबर को अस्पताल पहुंचाने की जगह बरामद गायों को पहले गौशाला पहुंचाने को तरजीह दी। आरोप यह भी है कि पुलिस ने खुद भी रकबर की पिटाई की। इसकी वजह से रकबर को अस्पताल पहुंचाने में देर हो गई और उसकी मौत हो गई। पुलिस की भूमिका को लेकर उठ रहे सवालों के बीच पीड़‍ित के भाई ने कहा है कि उन्‍हें पुलिस पर कोई संदेह नहीं है। उन्‍होंने दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। उधर, चौतरफा दबाव के बाद राजस्‍थान के डीजीपी ओपी गल्‍होत्रा ने पुलिस की कथित लापरवाही की जांच के लिए एक दल का गठन किया है।

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