CAUVERY ISSUE: चेन्नई में IPL के आयोजन को रजनीकांत ने बताया शर्मनाक

CAUVERY ISSUE: चेन्नई में IPL के आयोजन को रजनीकांत ने बताया शर्मनाक

Bhaskar Hindi
Update: 2018-04-08 13:36 GMT
CAUVERY ISSUE: चेन्नई में IPL के आयोजन को रजनीकांत ने बताया शर्मनाक

डिजिटल डेस्क, चेन्नई। अभिनेता से राजनेता बने सुपरस्टार रजनीकांत ने चेन्नई में IPL मैच के आयोजन को शर्मनाक बताया है। दरअसल इन दिनों चेन्नई में कावेरी जल विवाद को लेकर घमासान मचा हुआ है। ऐसे में यहां पर आयोजित किए जा रहे IPL मैच को रजनीकांत सही नहीं मानते। रजनीकांत ने कहा कि ये शर्मनाक है, चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाड़ियों को मैदान पर काली पट्टी बांधकर खेलना चाहिए, ताकि पूरे देश को कावेरी जल विवाद के बारे में पता चल सके।

सीडब्ल्यूआरसी की गठन की मांग लेकर धरना
रविवार को रजनीकांत और कमल हासन ने कावेरी प्रबंधन बोर्ड व कावेरी जल नियमन समिति (सीडब्ल्यूआरसी) के गठन की मांग को लेकर मौन विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में प्रमुख अभिनेताओं, फिल्म व संगीत निर्देशकों व दूसरे तकनीशियनों ने भाग लिया। इसमें संगीत निर्देशकों में इलैयाराजा, शंकर-गणेश, अभिनेताओं में सूर्या, विजय, विशाल, प्रशांत व अन्य शामिल थे। नदीगर संगम के अध्यक्ष नासेर के अनुसार, मौन विरोध प्रदर्शन का आयोजन सिर्फ सीएमबी व सीडब्ल्यूआरसी के गठन के लिए किया गया। रजनीकांत ने कहा कि कावेरी प्रबंधन बोर्ड और सीडब्ल्यूआरसी की स्थापना से कावेरी मुद्दे को सुलझाने में मदद मिलेगी और आशा है कि "न्याय की जीत होगी"।

क्या है कावेरी जल विवाद?
सुप्रीम कोर्ट ने 16 फरवरी को अपने आदेश में कावेरी जल में कर्नाटक का हिस्सा 14.75 टीएमसी फुट बढ़ाकर उसे 270 टीएमसी फुट कर दिया था। नदी जल में तमिलनाडु का हिस्सा घटा दिया गया था। आदेश के डेढ़ महीने के भीतर केंद्र सरकार कावेरी प्रबंधन बोर्ड का गठन करने से विफल रही थी। बोर्ड गठित करने की समय सीमा 29 मार्च को समाप्त होने के बाद तमिलनाडु में प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया है। हालांकि केंद्र सरकार ने कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन के संदर्भ में कर्नाटक विधानसभा चुनाव का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से तीन महीने की मोहलत मांगी है।

केंद्र का मानना है कि विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया के दौरान अंतर्राज्यीय नदी जल विवाद अधिनियम की धारा 6A के तहत किसी योजना के गठन और उसकी अधिसूचना से जनता में आक्रोश पैदा होगा। चुनावी प्रक्रिया में बाधा आएगी और कानून-व्यवस्था बिगड़ने की समस्या पैदा होगी। केंद्र सरकार पर कावेरी प्रबंधन बोर्ड के गठन को लेकर दबाव बनाने के लिए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी और डिप्टी सीएम पनीरसेल्वम भी भूख हड़ताल पर बैठ चुके हैं।

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