CBI के नं 2 अधिकारी पर एफआईआर, 10 महीने में 3 करोड़ रिश्वत लेने का आरोप

CBI के नं 2 अधिकारी पर एफआईआर, 10 महीने में 3 करोड़ रिश्वत लेने का आरोप

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-22 03:31 GMT
CBI के नं 2 अधिकारी पर एफआईआर, 10 महीने में 3 करोड़ रिश्वत लेने का आरोप
हाईलाइट
  • 10 महीने में तीन करोड़ की रिश्वत लेने का आरोप
  • सीबीआई के विशेष निदेशक के खिलाफ दर्ज एफआईआर
  • हैदराबाद के बिजनसमैन सतीश बाबू सना ने की शिकायत

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हैदराबाद के बिजनसमैन सतीश बाबू सना की शिकायत के आधार पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने अपने ही दूसरे नंबर के शीर्ष अधिकारी राकेश अस्थाना पर FIR दर्ज की है। जिसमें बताया गया है कि अस्थाना ने 10 महीने में तीन करोड़ की रिश्वत ली है। दर्ज FIR में इस बात का दावा किया गया है कि उन्होंने CBI स्पेशल डायरेक्टर को पिछले वर्ष लगभग 3 करोड़ रुपए दिए थे। बता दें कि अस्थाना पर आरोप है कि वह जिस मांस कारोबारी मोइन कुरैशी के खिलाफ एक मामले की जांच कर रहे थे, उससे उन्होंने रिश्वत ली। मोइन कुरैशी से 50 लाख रुपए लेने के मामले में सना भी जांच के घेरे में था, इस मामले की जांच के लिए गठित SIT का नेतृत्व अस्थाना कर रहे थे।

गौरतलब है कि मनोज को FIR दर्ज होने के अगले ही दिन यानी 16 अक्टूबर को CBI के द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था। CBI से की गई अपनी शिकायत में सना ने दावा किया है कि मनोज ने उसका नाम हटवाने के एवज में CBI ऑफिसर को देने के लिए 5 करोड़ रुपए मांगे थे। उसने बताया कि 3 करोड़ रुपये दिए जा चुके थे जबकि 2 करोड़ रुपए चार्जशीट फाइल करते वक्त उसे क्लीन चिट दिए जाने के साथ ही अदा करने पर बात हुई थी। 


10 महीने में 3 करोड़ की रिश्वत
हैदराबाद के कारोबारी सतीश सना की शिकायत पर दुबई स्थित बिचौलिए मनोज प्रसाद की गिरफ्तारी के बाद CBI ने अस्थाना के खिलाफ कदम उठाया है, कुरैशी भ्रष्टाचार के मामले में प्रसाद की भूमिका को लेकर अस्थाना की निगरानी में CBI एसआईटी द्वारा जांच की जा रही थी। सतीश ने 4 अक्टूबर को मजिस्ट्रेट के समक्ष एक बयान दिया था, जिसमें अस्थाना, बिचौलिया मनोज प्रसाद के रिश्तेदार सोमेश श्रीवास्तव का नाम था। उसने बताया, CBI को मामले से दूर रहने के लिए उसने दिसंबर 2017 से लेकर 10 महीने तक 3 करोड़ रूपए का भुगतान किया था। सतीश ने कहा, ज्यादा पैसे देने के लिए उसे CBI अधिकारियों द्वारा प्रताड़ित भी किया गया था। FIR में मोईन कुरैशी भ्रष्टाचार मामले में एक व्यवासायी  से रिश्वत मांगने और लेने के आरोप नंबर एक के रूप में शामिल किया गया है। कुरैशी भ्रष्टाचार मामले की जांच विेशेष जांच दल कर रहा था। अस्थाना इस टीम के प्रमुख थे। इस मामले के अलावा अस्थान पर 4 हजार करोड़ के धनशोधन मामले में शामिल होने का आरोप है। जिसकी CBI जांच कर रही है। सना ने यह भी दावा किया कि उसने सीबीआीई अफसर की फोटो सोमेश के वॉट्सऐप पर देखी है और उनकी पहचान अस्थाना के रूप में की थी। सतीश बाबू सना ने बताया कि उसने मनोज को दुबई में एक करोड़ रुपए पहली किश्त के रूप में दिए थे। 1.95 करोड़ रुपए मनोज के जानने वाले सुनील मित्तल को 12 दिसंबर 2017 को दिल्ली में रायसीना रोड स्थित प्रेस क्लब ऑफ इंडिया की पार्किंग में दिए थे। 

 

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