महागठबंधन में पीएम उम्मीदवारी की होड़ में हैं 6 नेता : राम माधव

महागठबंधन में पीएम उम्मीदवारी की होड़ में हैं 6 नेता : राम माधव

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-26 12:24 GMT
महागठबंधन में पीएम उम्मीदवारी की होड़ में हैं 6 नेता : राम माधव
हाईलाइट
  • अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर माधव ने कहा- अध्यादेश का रास्ता खुला हुआ है
  • महागबंधन में राहुल की पीएम उम्मीदवारी पर राम माधव ने दिया जवाब
  • राम माधव बोले- स्टालिन के अलावा किसी महागठबंधन के नेता ने राहुल की उम्मीदवारी पर सहमति नहीं जताई

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। DMK चीफ स्टालिन ने हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम महागठबंधन के पीएम उम्मीदवार के लिए प्रस्तावित किया था, जिसे लेकर महागठबंधन के नेताओं में ही सहमति बनती दिखाई नहीं दे रही है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव हो, प. बंगाल सीएम ममता बनर्जी हो या सीपीआई नेता सीताराम येचूरी, सभी नेताओं ने राहुल के महागठबंधन के नेता होने की बात पर रजामंदी नहीं जताई। अब इस पर बीजेपी नेता राम माधव ने तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि महागठबंधन में प्रधानमंत्री बनने की होड़ में 6 नेता हैं। 

राम माधव ने कहा, "यदि हाल के विधानसभा चुनावों में जीत के बाद राहुल गांधी प्रधानमंत्री उम्मीदवार हो सकते हैं, तो कांग्रेस को महागठबंधन की जरूरत ही नहीं होना चाहिए। स्टालिन के अलावा किसी भी अन्य नेता ने महागठबंधन के पीएम उम्मीदवार के लिए नाम पर रजामंदी नहीं दी है। महागठबंधन में पीएम बनने की होड़ में 6 नेता लगे हुए हैं।

कांग्रेस के लिए राहुल गांधी का अध्यक्ष होना कितना ज्यादा फायदेमंद रहा है। इस सवाल के जवाब में राम माधव ने कहा कि राहुल गांधी कांग्रेस के नेता है। यह कांग्रेस पर ही निर्भर करता है कि वे ही तय करें कि राहुल गांधी उनके लिए कितने ज्यादा लाभदायक नेता हैं। राम माधव ने कहा, "हम कांग्रेस के लिए उनके नेतृत्व पर बयान कैसे दे सकते हैं। उन्होंने हालिया चुनाव में अपनी चुनावी रणनीतियों से कांग्रेस के लिए बेहतर परिणाम दिए हैं। इसमें कोई शक नहीं है।"

इस दौरान राम माधव ने राम मंदिर निर्माण से जुड़े सवालों के भी जवाब दिए। राम माधव ने कहा, "राम मंदिर के लिए अध्यादेश का रास्ता हमेशा से खुला है लेकिन अभी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है और सुप्रीम कोर्ट 4 जनवरी तक यह तय करेगा कि मामला कौन सी बेच सुनेगी। हम उम्मीद करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में करे और जल्द से जल्द इस मामले का निपटान करे। अगर यह नहीं हो पाता है तो फिर हम अन्य विकल्पों को तलाशेंगे।"
 

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