'सीधे-सादे' राम रहीम के बचाव में साक्षी, चौतरफा आलोचना का शिकार

'सीधे-सादे' राम रहीम के बचाव में साक्षी, चौतरफा आलोचना का शिकार

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-26 02:46 GMT
'सीधे-सादे' राम रहीम के बचाव में साक्षी, चौतरफा आलोचना का शिकार

डिजिटस डेस्क,नई दिल्ली। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम पर बलात्कार के मामले में आरोप साबित होने के बाद चारों तरफ इसी की चर्चा है। इसी बीच भाजपा सांसद साक्षी महाराज ने बलात्कार के आरोपी राम रहीम का बचाव करते हुए उसे एक "सीधा-सादा इंसान" बताया है। उन्होंने देश की अदालतों पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि उच्च न्यायालय जामा मस्जिद के इमाम को क्यों नहीं तलब करता। उत्तर प्रदेश के उन्नाव से सांसद साक्षी ने कहा कि गुरमीत के खिलाफ बलात्कार का आरोप "एक व्यक्ति" ने लगाया, जबकि करोड़ों लोग डेरा प्रमुख के अनुयायी हैं। 

"साक्षी महाराज भी उसी श्रेणी में आते हैं"

साक्षी महाराज के इस बयान की निंदा की जा रही है। साक्षी को जवाब देते हुए एक महिला कार्यकर्ता हीना जहीर ने कहा कि "साक्षी महाराज उसी श्रेणी के अंतर्गत आते हैं, इसलिए वह ऐसे व्यक्ति का समर्थन कर रहे हैं। क्या वो यह कहना चाहते हैं कि देश की अदालत को एक बलात्कारी के समर्थकों की बात सुनी चाहिए? मैं एक सुझाव देना चाहूंगी कि अदालत को साक्षी महाराज को उच्च न्यायालय की अवमानना के आरोप में सलाखों के पीछे कर देना चाहिए।" 

बीजेपी ने साक्षी महाराज से बनाई दूरी

वहीं बीजेपी ने भी पार्टी के सांसद साक्षी महाराज के विवादास्पद बयान से दूरी बना ली है। भाजपा महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बयान का विरोध करते हुए कहा कि पार्टी साक्षी महाराज की सोच का समर्थन नहीं करती और इस तरह से न्यायिक प्रणाली पर सवाल उठाना सही नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा, "मैं उनके बयान का समर्थन नहीं करता हूं। यह उनके व्यक्तिगत विचार थे। मुझे लगता है कि न्यायिक व्यवस्था पर सवाल उठाना सही नहीं है"।

लोकसभा से रद्द हो साक्षी की सदस्यता 

साक्षी महाराज के बयान पर कांग्रेस के तेवर भी तल्ख हैं। कांग्रेस ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले पर सवाल नहीं उठाना चाहिए, इस तरह से उन्होंने सीधे न्यायालय की अवमानना की है। इस मामले में हम लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को एक पत्र लिखेंगे कि वह लोकसभा से उनकी सदस्यता को रद्द कर दें। 

       


 

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