हुर्रियत की खुली धमकी- 35 A के खिलाफ SC के फैसले पर होगा विद्रोह

हुर्रियत की खुली धमकी- 35 A के खिलाफ SC के फैसले पर होगा विद्रोह

Bhaskar Hindi
Update: 2017-10-29 14:09 GMT
हुर्रियत की खुली धमकी- 35 A के खिलाफ SC के फैसले पर होगा विद्रोह

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 35A को लेकर SC में सोमवार को सुनवाई है और इस मामले में किसी के भी पक्ष में फैसला आ सकता है। लेकिन अलगाववादी संगठन हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने फैसला आने के पहले ही अपने बगावती इरादे बता दिए हैं। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने रविवार को कहा कि यदि SC उनके पक्ष में फैसला नहीं सुनाता या 35A (राज्य के रूप में विशेष अधिकार को हटाने) को लेकर कोई फैसला सुनाता है तो पूरे राज्य में इस फैसले के खिलाफ विद्रोह होगा।

गौरतलब है कि SC में जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 35A यानी राज्य के कुछ विशेष अधिकार को हटाने के लिए कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसको लेकर कोर्ट को अपना फैसला सुनाना है। हुर्रियत ने इस फैसले को लेकर अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं। अब सोमवार को सुनवाई के बाद ही पता चलेगा कि फैसला हुर्रियत के पक्ष में जाता है या नहीं। SC के फैसले के पहले हुर्रियत ने इस प्रकार की खुली धमकी दी है। आपको बता दें कि इससे पहले लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि संविधान की धारा 35A को हटाने पर "जनविद्रोह" की स्थिति पैदा होगी।

आर्टिकल 35A क्या है ?

तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 14 मई 1954 को आदेश पारित किया था जिसमें संविधान में आर्टिकल 35A जोड़ा गया। संविधान में आर्टिकल 35A जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देता है। राज्य की विधानसभा को स्थायी नागरिकों के अधिकार तय करने की छूट है। साथ ही यह आर्टिकल घाटी के नागरिकों को विशेष अधिकार भी देता है। राज्य सरकार को ये अधिकार है कि वह अन्य जगह से आए शरणार्थी को किस तरह के अधिकार दे। 

आर्टिकल 35A के इसी अधिकार के चलते आजादी के समय आए शरणार्थियों का बाद में निवास प्रमाणपत्र बनाने से इंकार कर दिया था। आर्टिकल 35A के अनुसार राज्य की विधानसभा कोई भी कानून बना सकती है। आर्टिकल 35A, धारा 370 का ही हिस्सा है। आर्टिकल 35A के अनुसार जम्मू-कश्मीर की कोई लड़की किसी अन्य राज्य के लड़के से शादी कर लेती है, तो उसके सारे अधिकार खत्म माने जाते हैं। साथ ही उसके बच्चों को भी सम्पत्ति में कोई अधिकार नहीं मिलता।

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