कृषि बिल वापस ले चुकी बीजेपी सरकार एक और मामले में पीछे लेगी कदम, संतों की नाराजगी दूर करने की बड़ी कवायद
विधानसभा चुनाव 2022 कृषि बिल वापस ले चुकी बीजेपी सरकार एक और मामले में पीछे लेगी कदम, संतों की नाराजगी दूर करने की बड़ी कवायद
- उत्तराखंड के पुरोहितों को मिल सकती है खुशखबरी!
- देवस्थानम अधिनियम की वापसी के लिए बड़ा फैसला ले सकती है सरकार
डिजिटल डेस्क, देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा से पहले धामी सरकार बड़ा फैसला ले सकती है। आपको बता दें कि सीएम पुष्कर धामी साधु संतों की नाराजगी को दूर करने के लिए देवस्थानम अधिनियम की वापसी के लिए बड़ा कदम उठा सकते हैं। बता दें कि उत्तराखंड में सियासी समीकरण को दुरूरस्त करने के लिए बीजेपी पूरी ताकत के साथ जुट गई है। पीएम मोदी के कृषि कानून वापस लेने के ऐलान के बाद अब उत्तराखंड में वहां के पुरोहितों के लिए सरकार कभी भी खुश खबरी सुना सकती है।
उत्तराखंड सरकार के मंत्री का दावा
आपको बता दें कि उत्तराखंड सरकार में मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि तीन कृषि कानूनों के मामले में जिस तरह प्रधानमंत्री ने बड़ा दिल दिखाया है, उसी तरह प्रदेश सरकार भी उत्तराखंड देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम को लेकर अडिग नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर लगेगा कि कानून चारधाम, मठ मंदिरों व आमजन के हित में नहीं है तो फिर सरकार इसे वापस लेने पर विचार कर सकती है। साथ ही कहा इस विषय पर हम सबसे सलाह लेकर ऐसा निर्णय लेंगे, जिससे सबको संतुष्टि हो। राजनीति में सभावानाओं हमेशा बनी रहती है, कयास यही लगाए जा रहे हैं कि उत्तराखंड सरकार आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर पुरोहितों के हित में जल्द ही बड़ा फैसला ले सकती है।
बीते दिनों पीएम के दौरे के पहले हुआ था विरोध
आपको बता दें कि बीते 5 नवंबर को देश के पीएम नरेंद्र मोदी का केदारनाथ दौरा था। लेकिन उसके पहले ही वहां के पुरोहितों ने विरोध करना शुरू कर दिया था। जिसके बाद खुद सूबे के सीएम पुष्कर सिंह धामी पुरोहितों का मान-मनौव्वल करने केदारनाथ धाम पहुंच गए थे। तथा सीएम धामी ने काफी देर तक बंद करने में पुरोहितों के साथ चर्चा की थी। हालांकि पुरोहितों की नाराजगी को लेकर सरकार चिंतित थी। इसलिए पुरोहितों को मनाने के लिए खुद सीएम धामी केदारनाथ पहुंचे और बंद कमरें में बातचीत की थी। सीएम धामी ने बताया था कि बातचीत काफी सकारात्मक रही थी और पुरोहित समाज के लोग पीएम मोदी की यात्रा को लेकर अब काफी उत्सुक है। सीएम धामी ने कहा था कि हमारी सरकार जनभावनाओं का सम्मान करने वाली सरकार है। तीर्थों के पंड़ा, पुजारी और पुरोहित के मान-सम्मान को कोई ठेस नहीं पहुंचाई जाएगी।
पुरोहितों की नाराजगी का कारण
गौरतलब है कि बीते साल जनवरी माह में त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार ने चार धाम देवस्थानम बोर्ड का गठन किया था। इसके साथ ही चार धाम समेत 51 अन्य मंदिरों का नियंत्रण सरकार के पास आ गया था। आपको बता दें कि उत्तराखंड में गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीधाम चार धाम है। सरकार के इस फैसले को लेकर वहां के पुरोहित और पंड़ा विरोध कर रहे थे तथा फैसले की वापसी की मांग भी कर रहे हैं।