PNB स्कैम पर सुप्रीम कोर्ट में 23 को सुनवाई, पिटीशन में SIT जांच की मांग

PNB स्कैम पर सुप्रीम कोर्ट में 23 को सुनवाई, पिटीशन में SIT जांच की मांग

Bhaskar Hindi
Update: 2018-02-20 09:08 GMT
PNB स्कैम पर सुप्रीम कोर्ट में 23 को सुनवाई, पिटीशन में SIT जांच की मांग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में हुए 11,356 करोड़ रुपए के घोटाले का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच चुका है। इस घोटाले की जांच स्पेशन इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) से कराने की मांग को लेकर फाइल की गई पिटीशन पर सुप्रीम कोर्ट में 23 फरवरी को सुनवाई होगी। विनित ढांडा की तरफ से फाइल की गई पिटीशन में ये भी कहा गया है कि बड़े कॉर्पोरेट घरानों और कारोबारियों को 10 करोड़ रुपए से ज्यादा के बैंकलोन के लिए विशिष्ट गाइडलाइन बनाने की मांग भी की है। बता दें कि PNB में 11,356 करोड़ रुपए के घोटाले का खुलासा हुआ है। 

पिटीशन में क्या की गई है मांग? 

पिटीशनर विनित ढांडा ने मांग की है कि "पंजाब नेशनल बैंक समेत जितने भी बैंकों में इस तरह का घोटाला हुआ है, उन बैंकों के सीनियर ऑफिशियल्स के खिलाफ FIR दर्ज कर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।" विनित के एडवोकेट डॉ. जेपी ढांडा ने कोर्ट से मांग की है कि "सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को ये आदेश दे कि वो नीरव मोदी के प्रत्यर्पण की कोशिशें तेज करे। इसके साथ ही बड़े कॉर्पोरेट घरानों या कारोबारियों को 10 करोड़ रुपए से ज्यादा के बैंक लोन के लिए एक गाइडलाइन बनाए।"

डिफॉल्टर की संपत्ति तुरंत नीलाम हो

इसके साथ ही इस पिटीशन में मांग की गई है कि "जो लोग डिफॉल्टर हैं, उनकी संपत्ति को तुरंत नीलाम करने के लिए सख्त नियम बनाएं जाएं और उन्हें अमल में लाया जाए। इन नियमों को फॉलो नहीं करने पर बैंक ऑफिशियल्स के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने का प्रावधान किया जाए।" ढांडा ने अपील की है कि "इकोनॉमिक एक्सपर्ट्स का एक पैनल बनाया जाए, जो बैंकों की तरफ से दिए गए 500 करोड़ या उससे ज्यादा के बैड लोन की स्टडी करे और कोर्ट को इसकी जानकारी दे।"

इन घोटालों से देश को बहुत बड़ा नुकसान

विनित ढांडा ने अपनी पिटीशन में कहा है कि "बड़े कारोबारियों और बिजनेसमैन को पॉलिटिकल प्रोटेक्शन मिला होता है, जिस वजह से वो जल्दी पकड़ में नहीं आ पाते हैं। पिछले कुछ सालों से इस तरह के घोटालों ने देश की इकोनॉमी को भारी नुकसान पहुंचाया है।" उन्होंने कहा कि "घोटाले तो बहुत होते हैं, लेकिन सजा बहुत कम लोगों को मिलती है और जिन दोषियों से घोटाले की रकम रिकवर होती है, उसका भी कोई ज्यादा फायदा नहीं होता है।"

क्या है  PNB घोटाला? 

देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक कहे जाने वाले पंजाब नेशनल बैंक में पिछले दिनों 11,356 करोड़ रुपए के घोटाले होने का खुलासा हुआ है। ये घोटाला बैंक की मुंबई की ब्रेडी हाउस ब्रांच में हुआ। इस घोटाले की शुरुआत 2011 में हुई थी और पिछले 7 सालों में हजारों करोड़ रुपए फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LOUs) के जरिए विदेशी अकाउंट्स में ट्रांसफर कर दिए गए। दरअसल, डायमंड करोबारी नीरव मोदी और उनके साथियों ने साल 2011 में डायमंड इंपोर्ट करने के लिए लाइन ऑफ क्रेडिट के लिए पंजाब नेशनल बैंक की ब्रांच से कॉन्टेक्ट किया। आमतौर पर बैंक विदेशों से होने वाले इंपोर्ट के लिए LOU जारी करता है। इसका मतलब ये है कि बैंक नीरव मोदी के विदेश में मौजूद सप्लायर्स को 90 दिन के लिए भुगतान करने को राजी हुआ और बाद में पैसा नीरव को चुकाना था। इन्हीं फर्जी LOU के आधार पर भारतीय बैंकों की विदेशी ब्रांचों ने PNB को लोन देने का फैसला लिया गया। इस घोटाले को खुलासा तब हुआ, जब PNB के भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारी रिटायर हो गए और नीरव मोदी की कंपनी ने जनवरी में दोबारा से LOU जारी करने की सिफारिश की। नए अधिकारियों ने ये गलती पकड़ ली और घोटाले की जांच शुरू कर दी। बैंक के मुताबिक, जनवरी में इस फर्जीवाड़े का पता चला तो 29 जनवरी को सीबीआई में शिकायत की और 30 जनवरी को FIR दर्ज हो गई।

 

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