पुलवामा: आतंकी आदिल से संपर्क के लिए इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करता था जैश-ए-मोहम्मद

पुलवामा: आतंकी आदिल से संपर्क के लिए इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करता था जैश-ए-मोहम्मद

Bhaskar Hindi
Update: 2019-02-18 07:11 GMT
पुलवामा: आतंकी आदिल से संपर्क के लिए इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करता था जैश-ए-मोहम्मद
हाईलाइट
  • पीय-टु-पीयर सॉफ्टवेयर सर्विस के जरिए आदिल अहमद डार से दिसंबर 2018 तक संपर्क रखा था
  • पीयर-टु-पीयर सॉफ्टवेयर सर्विस से कनेक्टेड थे आतंकी आदिल और जैश-ए-मोहम्मद
  • सुरक्षा और खुफियां एजेंसियों को बड़ा खुलासा

डिजिटल डेस्क, श्रीनगर। पुलवामा हमले की जांच में जुटी सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों ने एक बड़ा खुलासा किया है। जांच एजेंसियों ने इस बात का पता लगाया है कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद कश्मीर में आतंकी आदिल अहमद डार से किस तरह से संपर्क करता था। एजेंसियों को एक सुराग मिला है कि जैश-ए-मोहम्मद के हैंडलर हमले को अंजाम देने के लिए पीयर-टु-पीयर सॉफ्टवेयर सर्विस से कनेक्टेड थे। 

बता दें कि खुफिया एजेंसियों को YSMS मैसेज की कॉपी मिली है। YSMS एक कोड है। जिसका इस्तेमाल मोबाइल एसएमएस ऐप के जरिए आदिल अहमद डार से दिसंबर 2018 तक संपर्क के लिए किया गया था। जैश-ए-मोहम्मद के संचालकों ने इस सर्विस का इस्तेमाल इसलिए किया, क्योंकि इससे वे मोबाइल फोन सर्विलांस के दायरे में आने से बच गए। खुफिया एजेंसियों का मानना है कि ये मैसेज पुलवामा हमले के बाद किए गए हैं। 

एक संदेश में लिखा गया है कि "जैश का मुजाहिद अपने मकसद में कामयाब हुआ" और दूसरे संदेश में लिखा गया है, "भारतीय सैनिक और दर्जनों गाड़ियां हमले में खाक हो गईं " खुफिया एजेंसियों ने बताया है कि जैश-ए-मोहम्मद YSMS कोड मैसेज को भेजने के लिए अल्ट्रा हाई रेडियो फ्रीक्वेंसी मॉडल का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें एक रेडियो सेट को एक फोन से अटैच किया जाता है, जिसके अंदर कोई सिम कार्ड नहीं होता है। रेडियो सेट असल में एक छोटा ट्रांसमीटर होता है जो वाई-फाई सुविधा से युक्त होता है।  इस वाई-फाई से मोबाइल को कनेक्ट किया जाता है। 

पीयर-टु-पीयर सर्विस का एक उदाहरण टॉरेन्ट से होने वाली डाउनलोडिंग है। इस दौरान दुनिया के किसी भी हिस्से में एक कंप्यूटर दूसरे कंप्यूटरों से इंटरनेट के जरिए जुड़ा रहता है और इस सर्विस में आपस में फाइल शेयर करने के लिए किसी सेंट्रल सर्वर की जरूरत भी नहीं होती है। 

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