बांग्लादेशी बंदरगाहों के इस्तेमाल से त्रिपुरा में सुगम होगा परिवहन : राज्यपाल

बांग्लादेशी बंदरगाहों के इस्तेमाल से त्रिपुरा में सुगम होगा परिवहन : राज्यपाल

IANS News
Update: 2020-01-26 11:00 GMT
बांग्लादेशी बंदरगाहों के इस्तेमाल से त्रिपुरा में सुगम होगा परिवहन : राज्यपाल
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अगरतला, 26 जनवरी (आईएएनएस)। त्रिपुरा के राज्यपाल रमेश बैस ने रविवार को कहा कि पहाड़ी त्रिपुरा और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में कठिन और चुनौतीपूर्ण परिवहन, बांग्लादेशी बंदरगाहों और त्रिपुरा और पड़ोसी देश के बीच नए जलमार्ग कनेक्टिविटी के साथ आसान हो जाएगा।

राज्यपाल यहां असम राइफल्स मैदान में 71वें गणतंत्र दिवस समारोह में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि बांग्लादेश सरकार पहले ही भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को चटगांव अंतर्राष्ट्रीय बंदरगाह और मोंगला बंदरगाह का इस्तेमाल करके क्षेत्र व देश के अन्य हिस्सों से सामानों को पहुंचाने का संकेत दे चुकी है।

उन्होंने कहा, अगर त्रिपुरा और बांग्लादेश के बीच प्रस्तावित जलमार्ग संपर्क स्थापित हो जाता है, तो पहाड़ी त्रिपुरा और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में कठिन और चुनौतीपूर्ण परिवहन बहुत आसान हो जाएगा।

बैस ने कहा कि भारत सरकार ने अगरतला रेलवे स्टेशन को बांग्लादेशी रेलवे नेटवर्क से जोड़ने के लिए नया अगरतला-अखौरा रेलवे परियोजना की शुरुआत की है। इससे बांग्लादेश के जरिए देश के अन्य हिस्सों से सामानों लाने में मदद मिलेगी।

राज्यपाल ने कहा, राज्य सरकार एचआईआरए (एच फॉर हाईवे, आई फॉर इंटरनेट वे, अर फॉर रोडवेज और ए फॉर एयरवेज) मॉडल का अनुसरण कर रही है, जिससे त्रिपुरा देश का एक मॉडल राज्य बने। लोगों को आर्गेनिक खाद्य व सब्जियां प्रदान करने के लिए राज्य सरकार 9000 किसानों को त्रिपुरा के 6000 हेक्टेयर भूमि में सब्जियां व फल उगाने में मदद कर रही है।

उन्होंने यह भी कहा कि प्राकृतिक रबर की खेती व रबर का प्रसंस्करण करके त्रिपुरा को भारी राजस्व मिल रहा है और रोजगार मिल रहा है।

राज्यपाल ने कहा कहा कि राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) पाठ्यक्रम की शुरुआत प्रतिभाओं को खोजने और छात्रों को व्यावहारिक शिक्षा देने और शिक्षा के लिए समान अवसर प्रदान करने के लिए की गई है।

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