वेंकैया नायडू चुने गए देश के नए उपराष्ट्रपति, गोपालकृष्ण गांधी को 272 वोटों से हराया

वेंकैया नायडू चुने गए देश के नए उपराष्ट्रपति, गोपालकृष्ण गांधी को 272 वोटों से हराया

Bhaskar Hindi
Update: 2017-08-05 05:06 GMT
वेंकैया नायडू चुने गए देश के नए उपराष्ट्रपति, गोपालकृष्ण गांधी को 272 वोटों से हराया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एनडीए उम्मीदवार वेंकैया नायडू भारत के 15वें उपराष्ट्रपति होंगे। उन्होंने शनिवार को हुए मतदान में विपक्षी उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी को 272 मतों से हरा दिया है। संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में वाइस प्रेसीडेंट इलेक्शन के लिए शनिवार सुबह 10 बजे से जारी वोटिंग में वेंकैया को जहां 516 वोट मिले वहीं गोपालकृष्ण गांधी को केवल 244 वोट हासिल हुए। 

उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए संसद के दोनों सदनों में कुल 785 वोट थे, जिसमें से 771 वोट डले, यानी की 98.21% सांसदों ने वोटिंग में भाग लिया। इनमें से 11 वोटों को अवैध करार दिया गया। 14 सांसदों ने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं किया। इनमें बीजेपी के भी 2 सांसद हैं। टीएमसी के 4, एनसीपी के 1, कांग्रेस, पीएमके और आईयूएमएल के 2-2 सांसदों ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं किया।

गोपालकृष्ण गांधी ने वेंकैया नायडू को जीत की बधाई दी है। उन्होंने अपने प्रदर्शन पर संतोष जताते हुए सभी वोट देने वालों को धन्यवाद कहा है। उपराष्ट्रपति बनने पर वेंकैया नायडू के गांव में भी जश्न का माहौल है। पीएम मोदी समेत सत्तापक्ष और विपक्ष के तमाम नेताओं ने वेंकैया नायडू को बधाई दी है। उपराष्ट्रपति चुने जाने के बाद वेंकैया नायडू के दिल्ली आवास पर बधाई देने वालों की लम्बी कतारें लगी हुई हैं। उपराष्ट्रपति पद के लिए शपथ ग्रहण समारोह आने वाले 3-4 दिनों में होने का अनुमान है क्योंकि मौजूदा उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है। वह लगातार दो बार इस पद पर रह चुके हैं। 

पीएम मोदी ने पहले ही एनडीए उम्मीदवार वेंकैया नायडू के इस पद पर आसीन होने की उम्मीदें जता दी थी। उन्होंने शुक्रवार देर शाम एक कार्यक्रम में वेंकैया से कहा था ""अब आप उपराष्ट्रपति के पद पर आसीन होने वाले हैं और मुझे उम्मीद है कि आप इस पद की गरिमा को बनाए रखेंगे।"" दरअसल पीएम ने ये बात इसलिए कही थी क्योंकि वेंकैया नायडू इससे पहले सांसद थे और एक्टिव पॉलिटिक्स में थे, लेकिन वाइस प्रेसीडेंट बनने के बाद वो एक्टिव पॉलिटिक्स का हिस्सा नहीं रह पाएंगे। इससे पहले वेंकैया किसी से भी बात कर सकते थे, लेकिन उपराष्ट्रपति के पद का एक प्रोटोकॉल होता है, जिसके अनुसार वे हर किसी से हर कभी बात नहीं कर पाएंगे।

Similar News