मोमो चैलेंज पर एडवायजरी, कहा- बच्चों की जिंदगी का सवाल, अपनी आंखें खुली रखें

मोमो चैलेंज पर एडवायजरी, कहा- बच्चों की जिंदगी का सवाल, अपनी आंखें खुली रखें

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-12 02:46 GMT
मोमो चैलेंज पर एडवायजरी, कहा- बच्चों की जिंदगी का सवाल, अपनी आंखें खुली रखें
हाईलाइट
  • बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखने को कहा
  • मोमो चैलेंज से खुदकुशी पर सरकार चिंतित
  • सरकार ने कहा
  • ये बच्चों की जिंदगी का सवाल

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मोमो चैलेंज गेम के कारण बढ़ती खुदकुशी की घटनाओं ने केंद्र सरकार के भी कान खड़े कर दिए हैं। सरकार लोगों को इस गेम से दूर रखना चाहती है, इसलिए एडवायजरी जारी की है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बुधवार को एडवायजरी में कहा कि सभी परिजन अपने बच्चों की ऑनलाइन और सोशल मीडिया की गतिविधियों पर नजर रखें। यह स्पष्ट हो सके कि उनका बच्चा मोमो चैलेंज गेम में न फंसे। सरकार ने कुछ संकेत जारी किए हैं, जिनके आधार पर परिजन अनुमान लगा सकते हैं कि उनका बच्चा मोमो चैलेंज गेम तो नहीं खेल रहा है। सरकार ने परिजनों से अपनी आंखें खुली रखने के लिए कहा है।

 

बच्चे की ऑनलाइन गतिविधियों पर भी नजर रखें
सरकार ने कहा कि इस बात को पुख्ता करें कि कहीं उनका बच्चा सोशल मीडिया पर मोमो चैलेंज तो नहीं खेल रहा है। परिजनों को बच्चे के स्कूल जाकर भी उसकी रिपोर्ट लेनी चाहिए, उन्हें उसके शिक्षक से भी उसके व्यवहार के बारे में पूछना चाहिए। परिजनों को बच्चे के कंप्यूटर में उसकी ऑनलाइन गतिविधियों को मॉनिटर करने वाला एक सॉफ्टवेयर भी इंस्टॉल करना चाहिए।


इस तरह अपनी गिरफ्त में लेता है मोमो चैलेंज
मोमो चैलेंज के बारे में बताते हुए सरकार ने कहा कि उसका संपर्क मोबाइल नंबर वाट्सएप, फेसबुक और यूट्यूब के माध्यम से मिलता है। सोशल मीडिया से मिले अंजान नंबर से बच्चे के पास डरावनी फोटो आती हैं। फोटो के बारे में जानने के लिए बच्चे को फोन नंबर पर बात करने की चुनौती दी जाती है। मोमो चैलेंज का अकाउंट अधिकतर जापान के तीन नंबरों से जुड़ा होता है। चैलैंज में बहुत सारे ऐसे खेल खेलने को मजबूर किया जाता है, जिससे बच्चा खुद को नुकसान पहुंचाए। खेल का अंत खुदकुशी की स्टेज पर जाकर होता है। अगर कोई यूजर गेम के नियम मानने से इंकार कर देता है तो मोमो की तरफ से उसे डरावने फोटो भेजकर धमकाया जाता है।

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