दुष्कर्मी संत: टॉप कोर्ट ने की यौन उत्पीड़न के आरोपी संत शरणारू की जमानत रद्द

  • कर्नाटक हाईकोर्ट के जमानती आदेश पर रोक
  • आरोपी संपन्न और प्रभावशाली व्यक्ति
  • कई नाबालिग लड़कियों के यौन उत्पीड़न का आरोपी

ANAND VANI
Update: 2024-04-29 13:16 GMT

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने संत शिवमूर्ति मुरुघा शरणारू की कर्नाटक हाईकोर्ट से मिली जमानत को रद्द कर दिया है। शरणारू पर कई नाबालिग लड़कियों के यौन उत्पीड़न का आरोप है। इन आरोपों पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने उसे जमानत दे  दी थी। जिसे आज उच्चतम न्यायालय ने रद्द कर दिया है। सुको ने जमानत रद्द करते हुए एक सप्ताह के भीतर आरोपी को हिरासत में लेने का निर्देश दिया है। टॉप कोर्ट ने आगे कहा हम मामले के गुण-दोष पर ध्यान नहीं देंगे, क्योंकि इससे अंततः सुनवाई प्रभावित हो सकती है।

उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक हाईकोर्ट के जमानती आदेश के क्रियान्वयन पर आदेश की तारीख से चार महीने के लिए रोक लगा दी और कहा कि रोक का यह आदेश आवश्यकता पड़ने पर दो महीने के लिए बढ़ाया जा सकता है। शीर्ष अदालत ने शिवमूर्ति को निचली अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण करने के लिए एक वीक का समय दिया।

पीड़ितों में से एक लड़की के पिता की ओर से उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर आपराधिक विशेष अनुमति याचिका पर जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने ये आदेश पारित किया। पीठ ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत गिरफ्तार आरोपी शरणारू को जमानत देने के कर्नाटक उच्च न्यायालय के आठ नवंबर 2023 के आदेश को पलट दिया और पुलिस से आरोपी को एक सप्ताह के भीतर हिरासत में लेने को कहा है। 

समाचार एजेंसी यूनीवार्ता से मिली जानकारी के मुताबिक याचिकाकर्ता ने अपनी अपील में आरोप लगाया कि आरोपी एक संपन्न और प्रभावशाली व्यक्ति है‌ तथा मामले की सुनवाई शुरू होने वाली है।जेल से बाहर होने पर आरोपी  पीड़ितों और अन्य गवाहों पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा। पीठ ने पीड़िता के पिता की याचिका का संज्ञान लेते हुए कहा, “प्रथम दृष्टया यह देखा गया है कि न केवल आरोपियों, बल्कि पीड़ितों के लिए भी निष्पक्ष सुनवाई सुनिश्चित करने के लिए यह न्याय के हित में होगा कि जिस समय तथ्य के गवाहों की जांच की जाती है, आरोपी शिवमूर्ति मुरुघा शरणारू को हिरासत में रखा जाए।

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