राजनीति: बीआरएस की स्थापना के 23 साल पूरे, लोगों के लिए लड़ाई जारी रखने का लिया संकल्प

तेलंगाना में अगले महीने होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए चल रहे अभियान के बीच भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने शनिवार को अपना 23वां स्थापना दिवस मनाया। साथ ही लोगों के लिए अपनी लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया।

IANS News
Update: 2024-04-27 08:56 GMT

हैदराबाद, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। तेलंगाना में अगले महीने होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए चल रहे अभियान के बीच भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने शनिवार को अपना 23वां स्थापना दिवस मनाया। साथ ही लोगों के लिए अपनी लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया।

तेलंगाना में कांग्रेस के हाथों सत्ता गंवाने के बाद यह पार्टी का पहला स्थापना दिवस है। बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने पार्टी मुख्यालय (तेलंगाना भवन) में पार्टी का झंडा फहराकर जश्न मनाया।

केटीआर ने 'तेलंगाना थल्ली' या मदर (मां) तेलंगाना को पुष्पांजलि अर्पित की।

तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) का 2022 में नाम बदलकर बीआरएस कर दिया गया था। इसकी स्थापना 2001 में के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने तेलंगाना को राज्य का दर्जा दिलाने के आंदोलन को पुनर्जीवित करने के लिए की थी।

केटीआर ने याद दिलाया कि केसीआर ने कई बाधाओं के बावजूद तेलंगाना के लिए पार्टी शुरू की थी। उन्होंने दावा किया कि केसीआर के नेतृत्व में तेलंगाना आंदोलन कई राज्यों और लोकतांत्रिक आंदोलनों के लिए एक मॉडल बन गया।

उन्होंने कहा कि, तेलंगाना राज्य का लक्ष्य लोगों के सहयोग से हासिल किया गया है। पार्टी हमेशा उनकी ऋणी रहेगी। संयुक्त आंध्र बलों की 'साजिशों' के बावजूद, केसीआर ने सुनिश्चित किया कि तेलंगाना के लोगों की आवाज सभी विधायी निकायों में सुनी जाए।

उन्होंने कहा, "तेलंगाना के लोगों को लगा कि केसीआर नए राज्य का नेतृत्व करने के लिए वही सही नेता हैं। इसलिए उन्होंने 2014 में हमारी पार्टी को जनादेश दिया।"

उन्होंने दावा किया कि अपने साढ़े नौ साल के शासन के दौरान, टीआरएस ने तेलंगाना को देश में शीर्ष स्थान पर लाने के लिए सभी प्रयास किए।

केटीआर ने कहा कि तेलंगाना में हासिल की गई प्रगति को देश के अन्य हिस्सों में दोहराने के लिए, पार्टी का नाम बदलकर बीआरएस कर दिया गया, जिससे यह एक राष्ट्रीय पार्टी बन गई।

बीआरएस को महाराष्ट्र, कर्नाटक और ओडिशा जैसे राज्यों में अच्छा रिस्पांस मिला, लेकिन दुर्भाग्य से तेलंगाना विधानसभा चुनाव के नतीजे निराशाजनक रहे। लेकिन लोग पिछले ढाई दशक का इतिहास जानते हैं कि केसीआर कोई भी काम अधूरा नहीं छोड़ते हैं।

केटीआर ने कहा कि टीआरएस ने सफलता से अभिभूत होकर या हार से निराश हुए बिना अपनी यात्रा जारी रखी। हम लोगों के लिए बोलना और उनके लिए लड़ना जारी रखेंगे।

उन्होंने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से केसीआर द्वारा दिखाए गए रास्ते पर खुद को फिर से समर्पित करने का आह्वान किया।

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