अयोध्या में राम मंदिर: उदयनिधि स्टालिन का एक और विवादित बयान, कहा मस्जिद तोड़कर बने मंदिर का समर्थन नहीं

  • पहले सनातन धर्म को बताया डेंगू, मलेरिया, कोरोना
  • अब अयोध्या मंदिर को लेकर की टिप्पणी
  • मस्जिद तोड़कर बने मंदिर का समर्थन नहीं

ANAND VANI
Update: 2024-01-18 11:59 GMT

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने 22 जनवरी को होने वाले रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह और निमंत्रण को लेकर हिंदू धर्म पर निशाना साधते हुए एक बार फिर विवादित बयान दिया है। आपको बता दें एक तरफ पूरे देश में 22 जनवरी के कार्यक्रम को लेकर रामभक्त श्रद्धालुओं में उत्साह देखने को मिल रहा है, समारोह को लेकर तैयारियां जोरों शोरों से की जा रही है। दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियों के नेता पूरे कार्यक्रम को लेकर निशाना साध रहे है। और कार्यक्रम को राजनीतिक बता रहे है। 

तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कहा है कि हम या हमारी पार्टी के नेता किसी भी मंदिर निर्माण के खिलाफ नहीं हैं, हां लेकिन हम उस स्थान पर मंदिर बनाने का समर्थन नहीं करते हैं जहां एक मस्जिद को ध्वस्त कर दिया गया था। स्टालिन ने यहां तक कह दिया कि राजनीति और धर्म को न मिलाएं।  उन्होंने आगे कहा कि हम किसी भी मंदिर के विरोधी नहीं हैं, लेकिन जहां पहले मस्जिद थी, उसे ध्वस्त करके जो मंदिर बनाया गया है, उसका समर्थन नहीं कर सकते।

आपको बता दें इससे पहले मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और युवा मामलों के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने दो सितंबर को एक समारोह के दौरान सनातन धर्म पर विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने एक समारोह के दौरान सनातन धर्म को डेंगू, मलेरिया, कोरोना जैसी महामारियों से जोड़ा था। बीजेपी नेताओं ने उदयनिधि स्टालिन के विवादित बयान पर तीखा हमला किया था। मामला पटना हाईकोर्ट भी पहुंचा। पटना कोर्ट ने समन भी जारी किया है, और 13 फरवरी को कोर्ट में हाजिर होने के लिए कहा गया है।

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