शीतकालीन सत्र: बीजेपी सांसद ने सदन में की ग्राम प्रधान और नगर निगमों के जनप्रतिनिधियों के लिए पेंशन की मांग

  • देश में जनप्रतिनिधियों की दो कैटेगरी
  • एक वो जनप्रतिनिधि जिन्हें पेंशन मिलती है
  • दूसरे वो जनप्रतिनिधि ने जिन्हें पेंशन नहीं मिलती

ANAND VANI
Update: 2023-12-05 14:12 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आज मगंलवार को शीतकालीन सत्र के दौरान उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान बीजेपी के  राज्यसभा सांसद डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने शून्य काल में ग्राम प्रधानों से लेकर नगर निगम के महापौरों तक को वेतन, भत्ता और पेंशन दिये जाने की मांग की, उन्होंने आगे कहा कि इसके लिए संविधान संशोधन करने की जरूरत है।  सांसद अग्रवाल ने आगे कहा कि समान काम के लिए समान वेतन प्राप्त करना जनप्रतिनिधियों सहित सभी नागरिकों का संवैधानिक अधिकार है। लेकिन भारत में स्वयं जनप्रतिनिधियों में ही दो वर्ग बना दिए गए हैं। 

अग्रवाल ने कहा कि देश में जनप्रतिनिधियों की दो कैटेगरी बन गई है। एक में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और सांसद-विधेयक जैसे लोग आते हैं जिनके लिए संविधान में वेतन और पेंशन की व्यवस्था है। वहीं, ग्राम प्रधान और नगर निगमों के जनप्रतिनिधियों के लिए वेतन -पेंशन की कोई व्यवस्था नहीं है। बीजेपी  सांसद राधामोहन दास अग्रवाल ने संसद में मांग की है कि उचित कानून परिवर्तन कर इस भेदभाव को खत्म कर देना चाहिए।

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