स्किल डेवलेपमेंट घोटाला: आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की याचिका पर अब सीजेआई करेंगे सुनवाई

  • दो जजों की बैंच का अलग-अलग फैसला
  • स्किल डेवलेपमेंट घोटाले में एफआईआर
  • एफआईआर रद्द करने की मांग

ANAND VANI
Update: 2024-01-16 11:44 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की याचिका पर अब मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ सुनवाई करेंगे। नायडू की याचिका पर दो जजों की बैंच ने अलग-अलग फैसला दिया। जिसके बाद अब मामले को सीजेआई के पास भेज दिया है। सुनवाई के दौरान जस्टिस अनिरुद्ध बोस का मानना था कि नायडू के खिलाफ कार्रवाई करने से पहले मंजूरी ली जानी चाहिए थी। वहीं जस्टिस बेला त्रिवेदी का मानना था कि इस मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17ए लागू नहीं होती है। ऐसे में उन्होंने चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने से मना कर दिया।

आपको बता दें पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू की ओर से दायर याचिका में स्किल डेवलेपमेंट घोटाले के मामले में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग की है। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला त्रिवेदी की पीठ ने याचिका पर सुनवाई करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज जब पीठ ने फैसला सुनाया तो दोनों जजों ने अलग-अलग फैसला दिया और उनके फैसले में सहमति नहीं बन पाई। जिसके बाद पीठ ने इस मामले को सीजेआई के पास भेज दिया है।

आपको बता दें दो जजों की पीठ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17ए के लागू होने को लेकर सहमत नहीं हो सकी। इस एक्ट के तहत जांच शुरू करने से पहले मंजूरी लेने का प्रावधान है। सीबीआई ने 9 दिसंबर 2021 को स्किल डेवलेपमेंट घोटाले में एफआईआर दर्ज की थी, इसमें दर्ज 25 लोगों की सूची में तब नायडू का नाम नहीं था। मार्च 2023 में सीआईडी ने इस मामले की जांच शुरू की और जांच के आधार पर घोटाले की एफआईआर में चंद्रबाबू नायडू को 37वां आरोपी बनाया गया। सीआईडी ने 9 सितंबर 2023 को नायडू को गिरफ्तार किया था।

आंध्र प्रदेश के तत्कालीन सीएम चंद्रबाबू नायडू ने साल 2016 में आंध्र प्रदेश स्टेट स्किल डेवलेपमेंट कॉर्पोरेशन की स्थापना की थी। चंद्रबाबू नायडू पर मुख्यमंत्री रहते हुए फंड का गलत इस्तेमाल करने का आरोप है। जिससे सरकारी खजाने को 371 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।

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