तेजस्वी और नीतीश के साथ नजर आए राहुल गांधी, 2024 के लिए क्या बन रहे हैं नए समीकरण, पीएम पद की लड़ाई भूल कर कितना मजबूत हो सकेगा विपक्ष का ये साथ?

विपक्षी आएंगे साथ तेजस्वी और नीतीश के साथ नजर आए राहुल गांधी, 2024 के लिए क्या बन रहे हैं नए समीकरण, पीएम पद की लड़ाई भूल कर कितना मजबूत हो सकेगा विपक्ष का ये साथ?

Bhaskar Hindi
Update: 2023-04-12 08:48 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। साल 2024 का लोकसभा चुनाव बड़ा ही दिलचस्प रहने वाला है क्योंकि सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी की घेराबंदी करने के लिए सारे विपक्षी दल एक मंच पर आते हुए दिखाई दे रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और जदयू अध्यक्ष ललन सिंह, दिल्ली स्थित कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की। इस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी मौजूद रहे। जहां इन तमाम नेताओं के बीच आगामी आमचुनाव को लेकर चर्चा हुई और बीजेपी को घेरने के लिए तमाम मुद्दों को टटोला गया।

दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीजेपी से जब से नाता तोड़ा है तब से ही विपक्ष को एकजुट करने में लगे हुए हैं। हाल ही में मीडिया से बातचीत करते हुए नीतीश कुमार ने कहा था कि, भाजपा को हराना मेरा आखिरी लक्ष्य है अगले लोकसभा चुनाव में बीजेपी 100 सीट तक नहीं पहुंच पाएगी। हालांकि, नीतीश कुमार विपक्ष को एकजुट करने की कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। लेकिन महाराष्ट्र की सियासत से जुड़े कद्दावर नेता और एनसीपी प्रमुख शरद पवार के पिछले दिनों दिए गए अडानी वाले बयान से विपक्षी खेमे में दरार आने की उम्मीद है। अब सवाल उठाता है कि क्या सभी विपक्षी दल भाजपा के खिलाफ लड़ने को तैयार हैं? या साल 2024 आते-आते तक इनके बीच फूट पड़ जाएगी।

साथ आने की बात करते रहे हैं नीतीश

सीएम नीतीश कुमार विपक्ष को एकजुट करने का हमेशा से ही परोपकार कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने पूर्णीया में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि, "कांग्रेस पार्टी तय करें कि उसे गठबंधन करना है या नहीं। अगर बीजेपी को हराना है तो सबको एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरना होगा।" अब इसी को देखते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात की है।

नीतीश की ख्वाहिशों का क्या होगा?

खड़गे और राहुल से नीतीश कुमार की यह मुलाकात लोकसभा चुनाव के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। इस बैठक में राहुल गांधी की सदस्यता को लेकर चर्चा और कोर्ट द्वारा फैसले को लेकर बातचीत हुई। इसके अलावा नीतीश कुमार द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी और खड़गे को यह आश्वसन दिलाया गया कि उनकी पार्टी आने वाले चुनाव में कांग्रेस का पूरा समर्थन देगी, बिना किसी स्वार्थ के। हालांकि, नीतीश कुमार के इस आश्वसन से राजनीतिक गलियारों में उनकी ख्वाहिशों को लेकर चर्चा शुरू हो गई है और अंदेशा जताया जा रहा है कि अगर तमाम चुनौतियों के बाद साल 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष का झंडा बुलंद हो जाता है तो 'पीएम' कौन बनेगा। सीएम नीतीश कुमार भले ही खुलकर कभी बात न बोली हो लेकर यह भी इंकार भी नहीं किया है कि अगर विपक्ष उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए चुनता है तो उन्हें किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं है। 

विपक्ष बीजेपी के सामने कितना तैयार ?

इन सबसे उलट टीएमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी पीएम पद के लिए अपनी दावेदारी पेश करती रही हैं। ममता के साथ तेलंगाना के मुख्यमंत्री और बीआरएस प्रमुख केसीआर भी पीएम मोदी के सामने खड़े होने की बात गाहे बगाहे कह चुके हैं। हालांकि, राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता जब से गई है तब से ये भी दोनों नेता कांग्रेस के साथ खड़े होते हुए दिखाई दे रहे हैं। लेकिन ममता बनर्जी ने पहले ही साफ कर दिया है कि आम चुनाव में हमारी पार्टी बीजेपी के खिलाफ अकेली लड़ेगी। 

अब सवाल उठता है कि जो नीतीश कुमार ने विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की बात कर रहे हैं क्या वो कर पाएंगे। यह सवाल इसलिए भी उठता हैं क्योंकि हाल ही में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कांग्रेस द्वारा अडानी मामले पर जेपीसी की मांग करने को गलत बताया और बेवजह इस मुद्दे को तुल देने का दोष कांग्रेस पार्टी पर मढ़ा था। अब देखना होगा कि नीतीश कुमार ने जो विपक्ष को एकजुट करने का जिम्मा अपने कंधों पर उठाया है उसमें वो सफल होते हैं या विपक्ष फिर ताश की पत्तों की तरह पीएम मोदी की लोकप्रियता के सामने बिखर जाता है।

राहुल-खड़गे ने क्या कहा?

इस बैठक के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रेस के सामने आकर कहा कि, देश में विचारधारा की लड़ाई है। सभी विपक्षी दलों को एक साथ आकर बीजेपी के खिलाफ लड़ने की जरूरत है। जबकि, खड़गे ने कहा इस बैठक में बिहार के नीतीश कुमार ने सभी दलों को एकजुट करने की बात कही है। जिसका मैं भी पक्षधर हूं। सभी पार्टियां को एक साथ आना चाहिए, ताकि हम केंद्र सरकार के खिलाफ एकजुटता से लड़ सके।

 

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