शराबबंदी के बाद भी बिहार में जहरीली शराब से हो रही है मौतें, विधानसभा में विपक्ष के सवाल पर भड़के सीएम नीतीश

जहरीला जाम और सदन में हंगामा शराबबंदी के बाद भी बिहार में जहरीली शराब से हो रही है मौतें, विधानसभा में विपक्ष के सवाल पर भड़के सीएम नीतीश

ANAND VANI
Update: 2022-12-14 10:21 GMT
शराबबंदी के बाद भी बिहार में जहरीली शराब से हो रही है मौतें, विधानसभा में विपक्ष के सवाल पर भड़के सीएम नीतीश

डिजिटल डेस्क, पटना। शराबबंदी के बाद भी बिहार में जहरीली शराब से 18 लोगों की मौत सड़क से लेकर सदन तक चर्चा का विषय बन गई है। जहरीली शराब से मौत की घटना सारण जिले के इसुआपुर थाना क्षेत्र के डोइला गांव में हुई है। मौतों को लेकर मृतक के परिजन नीतीश सरकार पर आरोप लगा रहा है। वहीं प्रशासन मौतों पर चुप्पी साधे हुए है। बताया जा रहा है मौतें मंगलवार रात से बुधवार दोपहर तक हुई हैं। मौतों की संख्या और बढ़ने की आशंका है। विपक्ष ने सारण में जहरीली शराब से मौतों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफे की मांग कर रहे है।

जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर बिहार आबकारी मंत्री सुनील कुमार ने मीडिया के सामने बात रखते हुए कहा कि जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

बिहार में 11 दिसंबर से विधानमंडल का शीतकालीन सत्र चल रहा है। मौतों को लेकर बिहार विधानसभा में विपक्षी पार्टियों ने जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सवाल किया गया तो सीएम कुमार विरोधी दलों के विधानसभा सदस्यों पर भड़क गए। सीएम के भड़कने वाले बयान को लेकर विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही से प्रतिपक्ष के नेता की बातों को हटाना और मुख्यमंत्री का इस तरह भाजपा विधायकों के साथ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करना सदन का अपमान है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विपक्षी सदस्यों ने विधानसभा अध्यक्ष से मांग की कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को माफी मांगने को कहें। विपक्षी दल नीतीश की शराबबंदी को फेल बता रहे हैं।

विधानसभा में नीतीश के तेज आवाज में दिए गए जवाब का विरोध करते हुए केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने कहा कि नीतीश जी ने जिस तरह का व्यवहार किया वो NDA के शासन में किया था और आज किया उनको सदन की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने आगे कहा कि 10 साल पहले नीतीश जी का ये व्यवहार नहीं था, लगता है कि वो निराश हैं या गिरती हुई साख या उम्र का तकाजा या उन्होंने कह दिया है कि तेजस्वी जी सत्ता संभालेंगे। जहरीली शराब से हर दिन मौत हो रही है और अपराध बढ़ रहे हैं। बिहार में शराब हर जगह मिल रही है।

भाजपा सांसद सुशील मोदी ने नीतीश पर आरोप लगाते हुए कहा है कि नीतीश जी का समय चला गया है, उनकी स्मरण शक्ति भी चली गई है। वे बात-बात पर गुस्सा हो जाते हैं। पिछले एक साल में एक दर्जन ऐसी घटना हुई है जिसमें उन्होंने आपा खो दिया और वे तुम-ताम पर उतर आते हैं। प्रशांत किशोर, भाजपा के बारे में भी वे तुम का प्रयोग करते हैं।

बिहार विधानसभा के बाहर भाजपा विधायकों ने कई मुद्दों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया,  बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा,"नशाबंदी को लागू करने के तरीके को और बेहतर करने की ज़रूरत है। इसे सख्ती से लागू करने के साथ-साथ दंड देने के तरीके को भी बदलने की ज़रूरत है।

दूसरी तरफ बीजेपी विधायकों के सीएम पर हमलावर होने के जवाब में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने जवाब देते हुए कहा कि विपक्ष को जनता के मुद्दे को उठाना चाहिए था पर उन्होंने केवल हंगामा किया। हम हर सवाल का जवाब देने को तैयार हैं। जो लोग आज शराब की बात कर रहे हैं उन्होंने भी तो शपथ लिया था। इतने साल सत्ता में रहने के बाद याद आया कि लोग जहरीली शराब से मर रहे हैं।

 

जहरीली शराब से हुई मौतों में मृतक 30 वर्षीय मुकेश शर्मा (पिता- बच्चा शर्मा), मंगल राय (पिता- गुलराज राय), 42 वर्षीय नासिर हुसैन (पिता- समसुद्दीन), 43 वर्षीय जयदेव सिंह (पिता- बिंदा सिंह), 42 वर्षीय रमेश राम (पिता- कन्हैया राम) व 48 वर्षीय चंद्रमा राम (हेमराज राम), डोइला के 45 वर्षीय संजय सिंह (पिता- वकील सिंह), 46 वर्षीय विजेन्द्र यादव (पिता- नरसिंह राय), 38 वर्षीय अमित रंजन (पिता- द्विजेंद्र सिन्हा) के अलावा मशरख थाना क्षेत्र के 38 वर्षीय कुणाल सिंह (पिता- यदु सिंह), हरेंद्र राम (पिता- गणेश राम), 55 वर्षीय रामजी साह (पिता- गोपाल साह), अजय गिरी (पिता- सूरज गिरी), भरत राम (पिता- मोहर राम), मनोज राम (पिता- लालबाबू राम), गोविंद राय (पिता- घिनावन राय), 55 वर्षीय ललन राम (पिता- करीमन राम) और मढ़ौरा थाना क्षेत्र का 16 वर्षीय विक्की महतो शामिल हैं। चार अन्य की स्थिति गंभीर है जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।  

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