यूपी में बीजेपी अल्पसंख्यकों को साधने में जुटी, निकालेगी रथ यात्रा 

यूपी चुनाव 2022 यूपी में बीजेपी अल्पसंख्यकों को साधने में जुटी, निकालेगी रथ यात्रा 

Anupam Tiwari
Update: 2021-10-11 18:52 GMT
यूपी में बीजेपी अल्पसंख्यकों को साधने में जुटी, निकालेगी रथ यात्रा 

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 2022 यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने कमर कसना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में अब बीजेपी केंद्र सरकार और योगी सरकार की उपलब्धियों को लेकर अल्पसंख्यकों को बताने के लिए रथ यात्रा निकालेगी। आपको बता दें कि मिशन 2020 की तैयारी में लगी बीजेपी ने अल्पसंख्यकों के बीच जाकर अपनी छवि बदलने की तैयारी कर रही है। गौरतलब है कि इस रथ यात्रा में बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के नेताओं के अलावा मुख्तार अब्बास नकवी, शाहनवाज हुसैन और जफर इस्लाम जैसे चेहरों को भी शामिल किया जाएगा। यह रथ यात्रा हर विधानसभा क्षेत्र में जाएगी। 

बीजेपी का अल्पसंख्यकों को लेकर प्लान

बता दें कि बीजेपी यूपी में अल्पसंख्यकों  के सामने जनहित के फैसलों को रखकर लुभाने की कोशिश करेगी। विधानसभा में रथयात्रा निकालकर ये बताने की कोशिश रहेगी कि योगी-मोदी सरकार में सभी को बराबर लाभ दिया गया है। बिना  किसी भेदभाव के योजनाओं का लाभ सभी को दिया गया है। किसानों को सालीना 6000 रूपए पीएम सम्मान किसान निधि योजना के तहत दिया जा रहा है, जिसमें समाज के हर किसान को लाभ मिल रहा है। ऐसे तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं को लेकर बीजेपी अल्पसंख्यकों  के बीच में जाएगी। बता दें कि बीजेपी ने रथ यात्रा के साथ 44 हजार अल्पसंख्यक सदस्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। पार्टी ने अल्पसंख्यक मोर्चे को सक्रिय करते हुए यह जिम्मेदारी दी है।

बीजेपी को ओवैसी दे रहे हैं टक्कर?

यूपी विधानसभा चुनाव आने से पहले ही एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी यूपी के कई शहरों में रैलियां कर रहे हैं। जिसको देखकर कई राजनीतिक पार्टियां काफी बेचैन है। ओवैसी अपनी जनसभाओं में मुसलमानों की बराबरी को लेकर आक्रामक रहते है। हालांकि ओवैसी की यूपी में सक्रियता अखिलेश यादव को बड़ी चुनौती दे रही है, क्योंकि सपा मानती है कि मुस्लिम वोट उसके पक्के हैं। लेकिन अब ओवैसी सारी गणित बिगाड़ रहें है जिसको लेकर अक्सर सपा कहा करती है कि ओवैसी बीजेपी के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं। मायावती पहले दलित और मुस्लिम वोट को पक्का मानती थी लेकिन अबकी बार ब्राहृणों को साधनें में जुट गई हैं। जिससे मायावती मुसलमान वोट को लेकर न्यूट्रल दिख रही हैं। अब बात रही बीजेपी को तो बीजेपी भी जानती है कि उसको मुसलमानों का वोट ना के बराबर मिलता है लेकिन योगी सरकार ने हाल ही में उर्दू अख़बार को विज्ञापन देकर अल्पसंख्यकों को विस्तार से बताने की पहल की है कि सरकार के फैसलों से अल्पसंख्यकों के अन्य सभी वर्गों की तरह कितना लाभ हुआ है।

जब आडवाणी बनें थे रथयात्रा के रणनीतिकार

गौरतब है कि बीजेपी की रथ यात्रा निकालनें की परंपरा पुरानी है, जिसके शिल्पीकार बीजेपी वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी थे। आपको बता दें कि आजादी के 50 साल पूरे होने पर 1997 में आडवाणी ने स्वर्ण जयंती रथ यात्रा निकालकर पूरे देश में जश्न मनाया था और इस यात्रा से आडवाणी की छवि एक राष्ट्रव्यापी जनाधार वाले नेता के तौर पर उभरी थी। माना जाता है इस रथ यात्रा से पार्टी को भी अच्छा खासा फायदा हुआ था तथा पार्टी पहली बार 1998 में केंद्र में गैर कांग्रेसी पार्टियों की गठबंधन सरकार बनाने में सफल हुई थी। उसी का अनुसरण कर बीजेपी एकबार फिर अब 2022 यूपी विधानसभा चुनाव से पहले रथ यात्रा शुरू कर अल्पसंख्यकों को साधने की तैयारी में है।

 

 

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