Jewar से इम्प्रेस होगा पश्चिमी उत्तरप्रदेश या किसान आंदोलन की नाराजगी पड़ेगी भारी!

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 Jewar से इम्प्रेस होगा पश्चिमी उत्तरप्रदेश या किसान आंदोलन की नाराजगी पड़ेगी भारी!

Anupam Tiwari
Update: 2021-11-25 12:32 GMT

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव से पहले ही यूपी सियासत में सभी पार्टियां अपनी सियासी समीकरण को दुरूस्त करने में जुट गई हैं। कहते हैं कि संसद का रास्ता यूपी से ही होकर गुजरता है, इसलिए सभी राजनीतिक दलों का यूपी चुनाव पर पैनी नजर रहती है। आपको बता दें कि सत्तारूढ़ बीजेपी इसी को ध्यान में रखते हुए पूरी ताकत के साथ चुनाव में उतरने की तैयारी में जुट गई है। आपको बता दें कि जेवर की शिलान्यास कर बीजेपी किसानों को मनाने के लिए बड़ी चाल चली है। गौरतलब है कि किसान आंदोलन में पश्चिमी यूपी से सबसे ज्यादा किसान हैं। ये सारे किसान बढ़-चढ़कर किसान आंदोलन में हिस्सा लिए हैं। बीजेपी को पता है कि यूपी चुनाव से पहले किसानों की नाराजगी दूर करना पड़ेगा,वरना पश्चिमी यूपी से सीटों की गणित गड़बड़ा सकती है। हालांकि पीएम मोदी पहले ही तीन विवादित कृषि कानून वापस करने का एलान कर चुके हैं फिर भी किसान आंदोलन अभी तक खत्म नहीं किए हैं।

पश्चिमी यूपी को साधने की कवायद

बता दें कि देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने आज यूपी के नोए़डा में जेवर इंटरनेशलन एयरपोर्ट का शिलान्यास कर पश्चिमी यूपी  को बड़ी सौगात दी है। यह इंटरनेशलन एयरपोर्ट एशिया का सबसे बड़ा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। माना जा रहा है कि इस एयरपोर्ट की सौगात देकर बीजेपी ने पश्चिमी यूपी को साधने की कोशिश की है। अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या जेवर इंटरनेशलन एयर पोर्ट किसान आंदोलन पर भारी पड़ेगा। क्या इस इंटनेशनल एयर पोर्ट की सौगात को देकर किसानों को मनाने की कोशिश की जा रही है।

बीजेपी को ये पता है कि किसान आंदोलन में पश्चिमी यूपी के किसानों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है, अब उनको हर तरह से मनाने की कोशिश की जा रही है। तीन विवादित कृषि कानून को लेकर किसानों की नाराजगी दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने कानून वापस लेने का एलान भी कर दिया है। हालांकि किसान अभी भी आंदोलित है और कह रहे हैं जब तक संसद से कानून रद्द नहीं होगा तब तक भरोसा नहीं करेंगे। वैसे शीतकालीन सत्र में ही इस कानून को केंद्र सरकार रद्द करने की मंशा बना ली है। 

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