लाउडस्पीकर मुद्दे पर तेजस्वी ने पूछा, जब लाउडस्पीकर नहीं था, तो भगवान और खुदा नहीं थे क्या? 

लाउडस्पीकर विवाद लाउडस्पीकर मुद्दे पर तेजस्वी ने पूछा, जब लाउडस्पीकर नहीं था, तो भगवान और खुदा नहीं थे क्या? 

Anupam Tiwari
Update: 2022-05-01 10:45 GMT
लाउडस्पीकर मुद्दे पर तेजस्वी ने पूछा, जब लाउडस्पीकर नहीं था, तो भगवान और खुदा नहीं थे क्या? 

डिजिटल डेस्क, पटना। देशभर में लाउडस्पीकर मुद्दा राजनीतिक रंग लेता हुआ दिख रहा है। एक तरफ उत्तर प्रदेश में जहां सभी धार्मिक स्थलों से अवैध लगे हुए लाउडस्पीकर को पुलिस प्रशासन की मदद से हटवाया जा रहा है, तो दूसरी तरफ देशभर में लाउडस्पीकर बहस का हिस्सा बन चुका है। इसी कड़ी में बिहार विधानसभा में नेता विपक्ष और आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने लाउडस्पीकर मुद्दे पर पूछा है कि लाउडस्पीकर की खोज 1925 में हुई तथा भारत के मंदिरो व मस्जिदों में इसका उपयोग 70 के दशक के आस-पास शुरू हुआ।

जब लाउडस्पीकर नहीं था, तो भगवान और ख़ुदा नहीं थे क्या? बिना लाउडस्पीकर प्रार्थना, जागृति, भजन,भक्ति व साधना नहीं होती थी क्या? तेस्जस्वी ने इशारों में बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि असल में जो लोग धर्म और कर्म के मर्म को नहीं समझते है वही बेवजह के मुद्दों को धार्मिक रंग देते है। आत्म जागरूक व्यक्ति कभी भी इन मुद्दों को तूल नहीं देगा। 

 महंगाई व बेरोजगारी पर बात नहीं हो रही

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने लाउडस्पीकर मुद्दे पर जमकर बोला और कहा कि आजकल लाउडस्पीकर और बुलडोजर पर बात हो रहा है। लेकिन महंगाई, बेरोजगारी, किसान और मजदूर की बात नहीं हो रही है। जनता के हितों वाले मुद्दों को छोड़कर, उनको भ्रमित किया जा रहा है। तेजस्वी ने पूछा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, नौकरी व रोजगार युवाओं को नहीं मिल रहा है। युवाओं की जिंदगी बर्बाद हो रही इस पर चर्चा क्यों नहीं हो रही है। तेजस्वी यादव युवाओं के रोजगार वाले मुद्दे पर काफी गंभीर दिखे और इसको लेकर सरकार को घेरा

 
 

 

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